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बिहार के किसान नहीं दे रहे लगान, कम वसूली होने से परेशान सरकार ने दिये ये निर्देश

Bihar Land Rent: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी समाहर्ताओं को पत्र लिखकर इससे संबंधित जानकारी साझा की है. साथ ही निर्धारित लक्ष्य की वसूली करने की दिशा में कार्रवाई का निर्देश दिया है.

Bihar Land Rent: पटना. बिहार में इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में राजस्व संग्रहण (भू-लगान) की वसूली निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप नहीं हुई है. यह 27 जनवरी 2025 तक करीब 49 फीसदी थी. इसे लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी समाहर्ताओं को पत्र लिखकर इससे संबंधित जानकारी साझा की है. साथ ही निर्धारित लक्ष्य की वसूली करने की दिशा में कार्रवाई का निर्देश दिया है.

रैयतों को किया जाये जागरूक

विभाग ने कहा है कि भू-राजस्व संग्रहण के लिए व्यापक रूप से जमाबंदी धारकों को जागरूक किया जायेगा. बकाया लगान भुगतान के संबंध में रैयतों को प्रेरित करने के लिए राजस्व कर्मचारी के स्तर पर प्रत्येक हल्का में कैंप लगाया जायेगा. इसके साथ ही राज्यस्तर पर बची हुई सभी जमाबंदियों में अंतिम लगान का विवरण दर्ज किया जायेगा और भू-राजस्व संग्रहण की कार्रवाई इन जमाबंदियों से की जायेगी.

तय लगान के तहत 600 करोड़ की होनी है वसूली

सूत्रों के अनुसार हाल में मुख्य सचिव, बिहार के स्तर पर भू-लगान वसूली की समीक्षा की गयी. इसमें पाया गया है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य 600 करोड़ के विरुद्ध 27 जनवरी , 2025 तक केवल 296.50 करोड़ रुपये की वसूली की गयी है. इसके साथ ही यह भी जानकारी मिली कि भू-लगान वसूली की कार्रवाई केवल 20.97 प्रतिशत सृजित जमाबंदी से ही हुई है. इस समय राज्य में लगभग 48 लाख जमाबंदी में अंतिम लगान का विवरण दर्ज नहीं है.

दिसंबर तक चला था अभियान

इस संबंध में विभाग के निर्देश पर ऑनलाइन जमाबंदी में अंतिम लगान का विवरण दर्ज करने के लिए 23-28 दिसंबर, 2024 तक विशेष अभियान चलाया गया. इसमें संतोषजनक प्रगति नहीं हुई. ऑनलाइन भू-लगान जमा करने के लिए सभी अंचल कार्यालय स्तर पर कॉमन सर्विस सेंटर की सुविधा दी गयी है और इसे अधिकृत किया गया है. विभाग ने इन सभी सेंटरों का स्थानीय स्तर पर प्रसार-प्रचार करने का संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है. इसका लाभ आमलोगों को मिल सकेगा.

सैरात बंदोबस्ती की वसूली भी लक्ष्य से कम

राज्य में सैरातों की बंदोबस्ती से वसूली भी लक्ष्य से कम हुआ है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की तरफ से सभी समाहर्ताओं को पत्र लिखकर इस संबंध में जांच और कार्रवाई का निर्देश दिया गया है. साथ ही इसकी जिम्मेदारी अपर समाहर्ता को देने के लिए कहा गया है. गौरतलब है कि सरकारी बस स्टैंड, हाट-बाजार और मेला सैरात के दायरे में आते हैं. इनकी बंदोबस्ती से सरकार को राजस्व मिलता है.

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Ashish Jha
Ashish Jha
डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने को प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत.

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