मनोज कुमार, पटना
makhana health benefits प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मखाना की खूबी देश और दुनिया को खुले मंचों से बताने के बाद इसे और समृद्ध करने की योजना बिहार ने तैयार की है. मखाना की खेती को और मजबूत करने के लिए जिलावार रणनीति बनायी गयी है. इसमें मखाना का क्षेत्र विस्तार और मखाना स्टोर के लिए गोदाम बनाने की योजना बनी है.
बीज वितरण करने के साथ ही मखाना की उन्नत प्रजाति विकसित करने का प्लान बनाया गया है. कटिहार, पूर्णिया, दरभंगा, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा और सहरसा जिले में मखाना की खेती के नये क्षेत्र विकसित करने का सरकार ने प्लान तैयार किया है. इसके लिए सरकार की ओर से मखाना किसानों को अनुदान दिया जायेगा. खेत प्रणाली के तहत मखाना उत्पादन में 97 हजार रुपये लागत आयेगी. इसका 75 फीसदी सरकार की ओर से अनुदान के रूप में मिलेगा.
आठ जिलों में बनेंगे गोदाम
मखाना किसानों के समक्ष भंडारण की चिंता हमेशा बनी रहती है. इसे देखते हुए कटिहार, पूर्णिया, दरभंगा, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा और सहरसा जिले में भंडार गृह बनाये जायेंगे. एक भंडार गृह पर 10 लाख रुपये खर्च होंगे. इसकी 75 फीसदी राशि सरकार अनुदान राशि के रूप में देगी.
10 जिलों में अनुदान पर बंटेंगे बीज
कटिहार, पूर्णिया, दरभंगा, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, सहरसा और खगड़िया जिले में मखाना के बीज अनुदान पर बांटे जायेंगे. 54 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर बीज की लागत मूल्य है. इसका 75 फीसदी सरकार की ओर से अनुदान दिया जायेगा. इसके साथ ही पूर्णिया, दरभंगा, मधेपुरा और किशनगंज में स्वर्ण वैदेही और सबौर मखाना-1 बीज का उत्पादन किया जायेगा. इस पर भी 97 हजार रुपये लागत आयेगी. इस 97 हजार रुपये का 75 फीसदी सरकार की ओर से अनुदान मिलेगा.
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