Patna News: पटना के बेऊर जेल में बंद कुख्यात साइको किलर अविनाश श्रीवास्तव ने बोकरो में आस्था ज्वेलर्स डकैती की पूरी साजिश जेल में बैठकर रची थी. उसने अपने गैंग के सदस्यों को निर्देश दिए और पूरी प्लानिंग पुरुलिया में बैठकर की गई. वारदात के बाद सभी आरोपी पटना लौटे और एक किराये के फ्लैट में छिप गए, लेकिन STF और पटना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में गैंग का पर्दाफाश हो गया.
पटना से लेकर मोतिहारी तक पुलिस का एक्शन, छह गिरफ्तार
डकैती की घटना को अंजाम देने के बाद गिरोह के चार सदस्य राहुल पटेल उर्फ डायमंड, रौशन सिंह, नितेश कुमार और आदित्य राय पटना के आलमगंज इलाके में किराये के फ्लैट में छिप गए थे. वहीं, प्रिंस और मुसाफिर हवारी को मोतिहारी से गिरफ्तार किया गया. इन सभी के पास से करीब 10 लाख रुपये मूल्य के गहने, 13,820 रुपये नकद और दो लग्जरी कारें बरामद की गईं. गिरफ्तार सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
पुरुलिया में तैयार हुआ था डकैती का मास्टरप्लान
गैंग ने 12 जून को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के बड़ग्राम स्थित सिंह होटल में मीटिंग की थी, जहां डकैती की पूरी योजना बनी. इसके बाद 14 जून को दो बदमाशों ने पटना के आस्था ज्वेलर्स की रेकी की और फिर 23 जून को दुकान में हथियारों से लैस होकर डकैती की वारदात को अंजाम दिया गया.
वारदात के बाद सभी आरोपी धनबाद होते हुए पटना लौटे, ताकि पहचान से बचा जा सके, लेकिन STF की सतर्कता से यह मुमकिन नहीं हो पाया.
कौन है साइको किलर अविनाश श्रीवास्तव?
अविनाश श्रीवास्तव बिहार की राजनीति का जाना-पहचाना नाम रहा है. वह राजद के पूर्व एमएलसी ललन श्रीवास्तव का बेटा है और पटना के एमआईजी कॉलोनी का निवासी रहा है. उसने जामिया मिलिया विश्वविद्यालय से एमसीए किया है और एक समय इंफोसिस जैसी प्रतिष्ठित आईटी कंपनी में नौकरी भी की. जेल में रहते हुए उसने कई किताबें भी लिखीं, लेकिन उसका जुर्म से मोह नहीं छूटा.
उसके पिता की वर्ष 2002 में हत्या हुई थी. अगले ही वर्ष 2003 में उसने पिता के हत्यारोपियों में से एक मोईन खान उर्फ पप्पू खान को दिनदहाड़े गोली मार दी थी. इसके बाद वह अपराध की दुनिया में गहराता चला गया. उस पर कई हत्या, डकैती और संगठित अपराध के केस दर्ज हैं.
अविनाश पर फिर कसेगा शिकंजा, रिमांड पर लेगी पुलिस
बोकारो पुलिस अब अविनाश श्रीवास्तव को रिमांड पर लेने की तैयारी में है ताकि उससे पूछताछ कर यह पता लगाया जा सके कि वह जेल में रहते हुए किस तरह गिरोह चला रहा था, और किन-किन लोगों से उसके संपर्क हैं. पुलिस अब उसके पूरे नेटवर्क को खंगालने की तैयारी कर रही है.