संवाददाता,पटना : राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ और सर्वसुलभ बनाने के लिए सरकार अब निजी क्षेत्रों को बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी में है. शुक्रवार को पटना के ज्ञान भवन में राज्यस्तरीय स्वास्थ्य मेले के उद्घाटन समारोह में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने एलान किया कि राज्य सरकार प्राइवेट संस्थाओं को मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों के संचालन के लिए पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड में आमंत्रित कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास 10 से 12 स्थानों पर मेडिकल कॉलेज के लिए उपयुक्त भूमि है.
कोई निजी संस्था अस्पताल और मेडिकल कॉलेज स्थापित करना चाहती है, तो हम उसे जमीन उपलब्ध करायेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के स्तर से कई मेडिकल कॉलेज अस्पताल, 300 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 1000 नए स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना करायी गयी है. यह सरकारी खर्च से किया गया है और अब निजी क्षेत्र की भागीदारी से इसे और मजबूत किया जायेगा.उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में एएनएम और जीएनएम स्कूल खोले जा चुके हैं. इन संस्थानों का इस्तेमाल स्वास्थ्य के प्रति जनजागरूकता फैलाने में किया जाना चाहिए.दवा वितरण में पूरे देश में शीर्ष स्थान पर बिहार
वहीं, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि इस तरह का स्वास्थ्य मेला राज्य में पहली बार आयोजित किया गया है. इसमें एक ही जगह पर जागरूकता, जांच, इलाज, टीकाकरण और मनोरंजन की व्यवस्था की गयी. उन्होंने यह भी कहा कि पहले बिहार स्वास्थ्य सेवा में नीचे था, लेकिन आज पिछले आठ महीनों से दवा वितरण में पूरे देश में शीर्ष स्थान पर है. मशीन, भवन, दवाएं, नियुक्ति सभी मिशन मोड में किया जा रहा है. स्वास्थ्य के हर मानक में सुधार आया है और यह अब पूरे देश में दिख रहा है.इलाज के बाद फॉलोअप की भी होगी व्यवस्था
अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने मरीजों को आश्वस्त करते हुए कहा कि अब मरीजों के इलाज के बाद उनके फॉलोअप की भी व्यवस्था की जायेगी. यह सुनिश्चित किया जायेगा कि इलाज के बाद भी मरीजों की स्थिति पर नजर रखी जाये. इस अवसर पर स्वास्थ्य सचिव लोकेश कुमार सिंह, कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत, आयुष समिति के सीइओ शशांक शेखर सिन्हा और अन्य अधिकारी व चिकित्सक थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है