Patna: पटना में एक दिव्यांग बुजुर्ग की सफल स्पाइन सर्जरी के बाद उनके हाथ-पैर की ताकत वापस आई है. नालंदा (गुंजरचक) के रहने वाले रामचंद्र मांझी (60 साल) सर्वाइकल माइलोपैथी से परेशान थे. ओपीएलएल (ओसीफिकेशन ऑफ द पोस्टिरियर लॉंगीट्यूडनल लिगामेंट) से उनके गर्दन की तीसरी- छठी (सी3-सी6) हड्डी का नस दब गया था, जिसके कारण वह ठीक ढंग से चल-फिर नहीं पा रहे थे. डायग्नोसिस के बाद हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. मणि आनंद और उनकी टीम ने मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत उनकी सफल सर्जरी की. अब वह बिल्कुल स्वस्थ हैं और रिकवर कर रहे हैं.
ओपीएलएल है गंभीर मेडिकल कंडीशन: डॉ. आनंद
डॉ. आनंद ने बताया कि ओपीएलएल एक गंभीर मेडिकल कंडीशन है, जिसमें गर्दन का पोस्टीरियर लिगामेंट अपने साइज से मोटा हो जाता है और नस के लिए सीमित जगह ही बच पाती है. इसके कारण नसों पर दवाब पड़ जाता है और स्पाइनल कॉर्ड पूरी तरह से दब जाता है. इससे हाथों में झुनझुनी, पैरों का सुन्न हो जाना, पैरों में ताकत की कमी, चलने-फिरने में दिक्कत, चाल का बदल जाना, सीधा चलने में परेशानी होती है. बाद में मरीज बेड पकड़ लेता है. यह उम्र से जुड़ी हुई समस्याएं हैं, लेकिन यह युवाओं को भी हो सकता है. स्पाइन की सर्जरी कर इसे ठीक किया जा सकता है.

फ्री में हुआ इलाज
बता दें कि मरीज का यह इलाज पूरी तरह से फ्री में हुआ है. वहीं, पटना के बाईपास स्थित फोर्ड अस्पताल में मुख्यमंत्री राहत कोष, आयुष्मान भारत योजना, टीपीए आदि के तहत मरीजों की नि:शुल्क सर्जरी की जाती है.
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