Exit Policy: पटना. बिहार उद्योग विभाग ने उन बिजनेसमैन को चिह्नित किया है जिन्होंने सरकार से जमीन लीज पर ली है, लेकिन अब तक उस पर उद्योग स्थापित नहीं किया है. इसके लिए सरकार नई एग्जिट नीति लेकर आई है. उद्यमी बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों की जमीन वापस बियाडा को जमा कर अपनी लीज राशि वापस ले सकते हैं. बिहार में करीब 60 से ज्यादा ऐसे उद्योगपति हैं जो बिहार सरकार की जमीन ले रखी है, लेकिन उस जमीन पर कारखाने स्थापित नहीं किये. ऐसे उद्योगपतियों से उद्योग विभाग ने संपर्क साधा है और उन्हें एक्जिट पॉलिसी में लाकर नए उद्योगपतियों को कारखाने लगाने का मौका दिया जाएगा.
एग्जिट पॉलिसी से मिलेंगे 1000 एकड़ जमीन
उद्योग विभाग को नयी एग्जिट पॉलिसी के जरिए तकरीबन 1000 एकड़ जमीन विभाग को मिलने की संभावना है और उसे जमीन का उपयोग हम उद्योगपतियों को सुविधा प्रदान करेंगे. बियाडा के पास 84 औद्योगिक इकाइयां थी और 7592 एकड़ से अधिक जमीन थे. 6185 एकड़ जमीन उद्योगपतियों को पहले ही आवंटित किया जा चुका है. उद्योग विभाग की प्रधान सचिव वंदना प्रेयसी ने बताया कि बिहार के पास उद्योगपतियों को उपलब्ध कराने के लिए अभी 3000 एकड़ जमीन बची है. प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 3200 एकड़ जमीन की घोषणा की थी. उद्योग विभाग के पास कुल मिलाकर 6200 एकड़ जमीन हो गए. आने वाले समय में इस आंकड़े को बढ़कर हम 10000 एकड़ तक पहुंचाने की तैयारी में है.
क्या है एग्जिट पॉलिसी 2025
बिहार सरकार ने राज्य में उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई एग्जिट नीति लागू की है. इस नीति के तहत जिन उद्यमियों की औद्योगिक इकाइयां बंद पड़ी हैं, वे अपनी इकाइयों की भूमि को बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार (बियाडा) को वापस सौंप सकते हैं. इसके बदले में वे अपनी पहले से जमा की गई लीज राशि वापस ले सकते हैं. उद्योग जगत ने नीति का समर्थन किया है. इस संबंध में उद्योगसंघ का कहना है, “सरकार की एग्जिट पॉलिसी का स्वागत है. जिस किसी ने सरकार की जमीन ली है और किसी कारणवश उद्योग नहीं लगा सकते हैं उनको जमीन सरकार को वापस लौटा देना चाहिए. दूसरे उद्योगपति उस पर उद्योग लगाएंगे और बिहार का विकास होगा. सरकार भी आर्थिक रूप से मदद करने के लिए तैयार है. उद्योगपति भी इस नीति के तहत आगे बढ़ रहे हैं.”
लैंड बैंक उद्योग विभाग के लिए चुनौती
बिहार लैंडलॉक्ड स्टेट माना जाता है. बिहार के अंदर जनसंख्या घनत्व अधिक होने के चलते जमीन की कमी है और ज्यादातर उद्योगपति पटना के आसपास उद्योग लगाना चाहते हैं. उद्योगपतियों के लिए भूखंड उपलब्ध कराना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. यह बात पिछले दिनों जब बिहार में बिजनेस कनेक्ट का आयोजन किया गया था, तब भी महसूस की गयी थी. उद्योग विभाग की प्रधान सचिव, वंदना प्रेयसी ने मीडिया से बात करते हुए कहा,”उद्योग को गति देने के लिए एक्जिट पॉलिसी ला रहे हैं. पॉलिसी के तहत गोल्डन हैण्डसेक योजना लायी गयी है. वैसे उद्योग जो या तो बंद पड़े हैं या किसी कारण बस शुरू नहीं हो पाई.उसके लिए हम लोगों ने एक्जिट पॉलिसी लाया है. उद्योगपतियों को हम एग्जिट करने के लिए मदद भी करेंगे और आर्थिक सहायता भी देंगे.”
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