संवाददाता, पटना
बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड ने नया सिलेबस तैयार कर लिया है. नया सिलेबस पहली कक्षा से लेकर 10वीं (मध्यमा) तक में लागू होगा. बोर्ड की उपसमिति ने रविवार देर शाम इसे अंतिम रूप देकर बोर्ड को सौंपा. अब इसे सरकार को भेजा जायेगा और स्वीकृति मिलने के बाद पूरे राज्य के संस्कृत विद्यालयों में नया पाठ्यक्रम लागू कर दिया जायेगा. अगस्त अंतिम तक सभी प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. नया सिलेबस इसी शैक्षणिक सत्र से लागू होगा. स्टूडेंट्स को नये सिलेबस के अनुसार किताबें भी उपलब्ध करायी जायेगी. नया पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मानकों पर आधारित है. इसमें स्टूडेंट्स की उम्र और समझ के अनुसार विषयों को सरल, रोचक और जीवन उपयोगी बनाया गया है. साथ ही नये जमाने की जरूरतों को देखते हुए सूचना तकनीक, जीवन कौशल, व्यावसायिक शिक्षा, नैतिक शिक्षा, पर्यावरण और बिहार के गौरवशाली इतिहास को भी जोड़ा गया है. पुराना पाठ्यक्रम 1998 से चल रहा था, जिसे अब पूरी तरह बदला जा रहा है. संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार झा ने पदभार ग्रहण करते ही इस दिशा में काम शुरू कर दिया था. संस्कृत विश्वविद्यालय के प्राध्यापक और पाठ्यक्रम समिति के सदस्य डॉ रामसेवक झा ने बताया कि नया पाठ्यक्रम छात्रों को रोजगार के लायक भी बनायेगा. इसमें व्यावसायिक शिक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषाएं, पारंपरिक ज्ञान और स्वस्थ जीवनशैली जैसे विषयों को भी जोड़ा गया है.बच्चों को आकर्षित करने वाला पाठ्यक्रम
नये पाठ्यक्रम में खास ध्यान दिया गया है कि बच्चे खेल-खेल में संस्कृत भाषा सीख सकें. इसलिए विशेष रूप से प्राथमिक कक्षाओं (कक्षा एक से छह) के लिए चित्रों और गतिविधियों से भरपूर किताबों को शामिल किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है