Paras Hospital Murder: बिहार में अपराध का जब भी इतिहास लिखा जाएगा, चंदन मिश्रा और शेरू की जोड़ी का जिक्र जरूर होगा. साल 2011 में दोनों ने मिलकर अपराध की दुनिया में कदम रखा था और महज तीन साल के भीतर पूरे बक्सर को दहला दिया. हत्या, लूट और रंगदारी की ऐसी वारदातें कीं कि बक्सर ही नहीं, पूरा बिहार उनका नाम सुनकर खौफ खाता था. खासतौर पर चूना व्यवसायी हत्याकांड ने दोनों को अपराध जगत का चर्चित चेहरा बना दिया था.
2007 में ही शुरू हो गई थी चंदन की आपराधिक यात्रा
चंदन मिश्रा की आपराधिक यात्रा तो 2007 में ही शुरू हो गई थी, जब महज 20 साल की उम्र में उसने अपने पिता के लाइसेंसी राइफल से भीम मिश्रा की हत्या कर दी थी. कुछ दिन जेल में बिताने के बाद वह जमानत पर बाहर आ गया और इसके बाद शेरू से उसकी दोस्ती हुई. यही दोस्ती आगे चलकर बक्सर के लिए अभिशाप बन गई.
2011 से 2014 के बीच दोनों ने लिखी अपराध की पटकथा
2011 से 2014 के बीच दोनों ने मिलकर अपराध की पटकथा लिखी. लेकिन पुलिस ने इन दोनों पर शिकंजा कसा और दोनों जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए. जेल में भी इनका आपराधिक नेटवर्क सक्रिय रहा. हालांकि समय के साथ चंदन मिश्रा ने अपराध से दूरी बनानी शुरू कर दी, मगर विवादों से उसका नाता नहीं छूटा.
2016 से शुरू हुई चंदन और शेरू के बीच दुश्मनी
2016 में चंदन और शेरू के बीच मनमुटाव ने दुश्मनी का रूप ले लिया. सिविल कोर्ट परिसर में दोनों के बीच हुई मारपीट ने बक्सर के गैंगवार को नई दिशा दी. दोनों ने अलग-अलग गैंग बना लिए. शेरू का नेटवर्क मजबूत होता गया, जबकि चंदन की गैंग जल्दी ही बिखर गई. इसके बाद चंदन अपराध की दुनिया से लगभग गायब हो गया, वहीं शेरू का दबदबा कायम रहा.
पैसा लेनदेन के विवाद में हुई चंदन की हत्या
बीते 17 जुलाई को पटना के पारस अस्पताल में चंदन की हत्या हो गई. पुलिस सूत्रों के मुताबिक चंदन और शेरू के बीच पैसा लेनदेन का विवाद था. शेरू ने ही शूटरों के जरिए चंदन की हत्या करवा दी. हत्या तब हुई जब चंदन पारस अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती था. बक्सर में चंदन-शेरू की जोड़ी की कहानी लोग खौफ और रोमांच के साथ सुनाते हैं. वक्त बदला, चेहरे बदले, लेकिन जिले में अपराध का जहर उसी दौर की यादें ताजा कर देता है.
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