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नगर निगम की बैठक में हंगामा: मेयर बोलीं- चुप रहिए, प्रस्ताव पास हो गया; आयुक्त बोले- नियमविरुद्ध है, एजेंडे में था ही नहीं

Patna News: पटना नगर निगम की 9वीं बैठक में भारी हंगामा हुआ. मेयर सीता साहू और नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर के बीच तीखी नोकझोंक हुई. विवादित तीन प्रस्तावों को पार्षदों के समर्थन से मेयर ने पास कराया, जबकि आयुक्त ने इसे नियमविरुद्ध बताया. बैठक के दौरान अपशब्द, कुर्ता फाड़ना और बहिष्कार जैसी घटनाएं हुईं.

Patna News: निगम परिषद की 9वीं साधारण बैठक हंगामेदार रही. महापौर और सशक्त स्थायी समिति की ओर से दोबारा उन तीन प्रस्तावों को पास कराने के लिए लाया गया, जिनपर नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से गठित समिति जांच कर रही है. इसके विरोध में नगर आयुक्त सहित कई पार्षद विरोध करने लगे. जिसके बाद मेयर सीता साहू ने कहा कि आप चुप रहिए, पार्किंग एजेंसी को देने सहित तीनों प्रस्ताव पास हुए, जवाब में नगर आयुक्त ने कहा कि हम गलत नहीं होने देंगे. जब एजेंडे में ही ऐसा प्रस्ताव नहीं है तो उसे पास नहीं किया जा सकता.

यह बैठक शुक्रवार को होटल पनाश में दोपहर 1:02 बजे शुरू हुई थी. यह बैठक पूर्व में 26 जून को भी बुलाई गई थी, लेकिन तीन प्रस्तावों को प्रोसीडिंग में लाने के प्रयास पर बैठक स्थगित कर दी गई थी. इन तीनों प्रस्तावों के अलावे अन्य प्रस्ताव को पास कराने की बात नगर आयुक्त बोल रहे थे. लेकिन, बढ़ते विवाद को देख बैठक छोड़कर चले गये. 

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बता दें कि, बैठक शुरु होते ही सभी पार्षद व सशक्त स्थायी समिति के सदस्य आमने-सामने हो गए. यह गतिरोध लगभग 17 मिनट तक चला. इस दौरान वार्ड 40 के पार्षद असफर अहमद ने आक्रोश में आकर अपना कुर्ता फाड़ दिया और नगर आयुक्त एवं अन्य अधिकारियों के साथ बैठक का बहिष्कार कर दिया. मेयर द्वारा लाए गए प्रस्ताव को जल्दबाजी में पारित कराने के प्रयास का विरोध किया गया

इस दौरान नगर आयुक्त अनिमेष पराशर ने तीनों प्रस्तावों को लाना गैरकानूनी करार दिया. उन्होंने कहा कि म्युनिसिपल एक्ट की धारा 65, 66 व 67 के तहत चलिए. विभाग ने पत्रांक 1855 (1 जुलाई 2025) के माध्यम से इन प्रस्तावों पर किसी भी निर्णय पर रोक लगाते हुए जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही, कार्यवाही में छेड़छाड़ की जांच के लिए जांच समिति का गठन भी किया गया है. उन्होंने कहा कि आज के एजेंडे में इन तीन प्रस्तावों को शामिल नहीं किया गया है, इसलिए इन्हें नहीं लाया जा सकता. इसपर मेयर बोलीं कि बहुमत से प्रस्ताव पास हो गया. स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य ने प्रस्ताव को संपुष्ट करने की बात कही. इसपर पार्षद इंद्रदीप चंद्रवंशी ने कहा कि पहले एजेंसी को क्लीन चीट आ जाने दीजिए. 

मेयर पुत्र व पार्षदों के बीच अपशब्दों का प्रयोग

निगम परिषद की बैठक कुश्ती के अखाड़े में तब्दील हो गई. मेयर गुट द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर सहमति नहीं बनने पर विरोधी गुट ने विरोध करना शुरू किया. इस बीच दोनों पक्षों में अपशब्दों और आपने-सामने की स्थिति बन गई. दोपहर 1:58 बजे मेयर पुत्र शिशिर कुमार हॉल के बाहर पहुंचे, जहां उनके और विरोधी पार्षदों के बीच बहस हो गई. मामला इतना बढ़ गया कि एक बार लगा कि पार्षद विनय कुमार पप्पू और शिशिर कुमार के बीच हाथापाई हो जायेगी. हालांकि लिफ्ट का दरवाजा बंद होते ही विरोधी पार्षद वहां से चले गए.

नियमविरुद्ध कार्य न करेंगे, न होने देंगे: नगर आयुक्त

विवाद के बीच नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने अपने अधिकारियों के साथ बैठक छोड़ दी. उनके समर्थन में कुछ पार्षदों ने गुंडागर्दी नहीं चलेगी, महापौर की तानाशाही नहीं चलेगी, सुपर मेयर शाही नहीं चलेगी जैसे नारे लगाए. स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य और वार्ड 34 के पार्षद कुमार संजीत समेत कई पार्षदों ने आयुक्त को रोकने की कोशिश की, लेकिन वह अड़े रहे और 1:54 बजे बैठक से बाहर निकल गए. उन्होंने स्पष्ट कहा कि नियमविरुद्ध कार्य न करेंगे, न होने देंगे. निगम से बड़ी कोई एजेंसी नहीं हो सकती.

61 पार्षदों के समर्थन से 12 एजेंडे पास करने का दावा

महापौर सीता साहू ने कहा कि पूर्व की बैठक कुछ पार्षदों की अराजकता के कारण स्थगित हुई थी. अब फिर से प्रस्ताव संख्या 121, 122 और 123 को लाया गया है. निगम के प्रत्येक वार्ड में योजनाएं लागू होनी हैं. आयुक्त का रवैया तानाशाहीपूर्ण है. जलापूर्ति योजना काफी समय से लंबित है. वे राशि नहीं भेज रहे हैं. इसलिए, तीनों प्रस्ताव 61 पार्षदों के समर्थन से पास किए गए. आयुक्त का कहना था कि सरकार से पत्र आया है और इस एजेंडे पर चर्चा न की जाए. लेकिन हमें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई. 12 एजेंडे में कहा कि जलापूर्ति योजना काफी समय से लंबित है. वे राशि नहीं भेज रहे हैं. जलापूर्ति योजना काफी समय से लंबित है. इसलिए, तीनों प्रस्ताव समेत नगर निगम क्षेत्र में जलापूर्ति योजना और उच्च क्षमता के बोरिंग लगाने की योजना को पास किया गया. 

आयुक्त की अनुपस्थिति में विवादित प्रस्ताव भी पारित

आयुक्त अनिमेष पराशर सहित पार्षद आशीष कुमार सिन्हा, इंद्रदीप चंद्रवंशी, जीत कुमार, राहुल यादव, पिंकी यादव, श्वेता रंजन, विनय पप्पू आदि बाहर चले गए. इसके बाद दोपहर 2:12 बजे बैठक पुनः शुरू हुई. मेयर ने आरोप लगाया कि लोकतंत्र का हनन हुआ है. वहीं, कुमार संजीत ने कहा कि महापौर बैठी रहीं, लेकिन नगर आयुक्त चले गए, यह सदन का अपमान है. इसके विरोध में हम सब धरना देंगे. मनोज कुमार, सतीश गुप्ता, असफर अहमद, श्वेता राय आदि ने प्रमुखता से बातें रखीं. वार्ड तीन की पार्षद ने पाइप बिछाए बिना एजेंसी को भुगतान का आरोप लगाया, बोर्ड ने उसकी जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया. 

पार्षदों ने योजनाएं न मिलने पर जताई नाराजगी

बैठक के दौरान पार्षद बबीता देवी, प्रभा देवी, तरुणा राय, रानी कुमारी, रवि प्रकाश, तारा देवी, कावेरी सिंह आदि ने अपने वार्ड में योजनाएं न मिलने पर नाराजगी जताई. कई पार्षद पहली बार चुने गए हैं. उन्होंने कहा कि जब काम नहीं होंगे, तो अगली बार वोट कैसे मांगेंगे. जनता रोज अपशब्द बोलती है, कचरा उठाने वाली गाड़ियां नहीं आतीं, पानी की दिक्कत है, स्ट्रीट लाइटें खराब हैं. चकाचक पटना जमीनी स्तर पर भी चकाचक दिखना चाहिए. 

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ये हैं तीनों विवादित प्रस्ताव

बता दें कि, 25 जून को आयोजित बैठक में इन तीनों प्रस्तावों पर हुए हंगामा की जांच के लिए नगर विकास विभाग ने दो सदस्यीय कमिटी बनाई है. सीधे प्रोसिडिंग में तीनों को लाने का मामला सामने आया था. इसे शुक्रवार को पास कर दिया गया.

1. प्रस्ताव संख्या 123: नगर निगम द्वारा किसी भी तरह की योजना बिना सशक्त स्थायी समिति और बोर्ड से स्वीकृति प्राप्त किए बिना पास नहीं कराई जाए.
2. प्रस्ताव संख्या 124: अमेजिंग इंडिया को बहाल करने पर पहले की बोर्ड बैठक में चर्चा के बगैर ही स्वीकृति के लिए कार्यवाही में शामिल किया गया.
3. प्रस्ताव संख्या 125: नगर निगम के अधिवक्ता व रिटेनर प्रसून सिन्हा को निगम की सेवा से मुक्त कर अधिवक्ताओं के लिए नए पैनल के गठन किया जाए.

बवाल के बाद मेयर पुत्र पर निगम कार्यालय व बैठकों में प्रवेश पर रोक

बैठक में पार्षदों से मेयर पुत्र शिशिर कुमार द्वारा दुर्व्यवहार करने व अपशब्द कहने का हवाला देते हुए पटना नगर निगम प्रशासन ने कार्यालय, बैठकों और कार्यक्रम स्थलों में उपस्थिति पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. निगम ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर उनके खिलाफ निषेधाज्ञा लागू करने का आग्रह किया है. मालूम हो कि शिशिर कुमार के खिलाफ पहले से कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. निगम ने इस पूरे प्रकरण को भय और दबाव के वातावरण से जोड़ते हुए उनके बाउंसरों की आर्म्स लाइसेंस, पहचान और आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच की भी मांग की है.

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