Patna News: पटना हाईकोर्ट में चपरासी की नौकरी दिलाने का झांसा देकर करीब 50 लाख रुपये की ठगी करने वाले शातिर ठग सुभाष चंद्र को कोतवाली थाना की पुलिस ने मसौढ़ी से गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तारी के दौरान उसके ठिकाने से कई अभ्यर्थियों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र और अन्य जरूरी दस्तावेज बरामद किए गए हैं.
पांच-पांच लाख रुपये वसूले
ठगी का खुलासा दो साल पहले तब हुआ था जब पटना हाईकोर्ट के डिप्टी रजिस्ट्रार जय कुमार सिंह ने कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया था. शिकायत में सुभाष चंद्र के अलावा भागलपुर के रहने वाले सिंटू और श्रवण को भी आरोपी बनाया गया था. इन तीनों ने मिलकर फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार किए और कम से कम 10 अभ्यर्थियों से चपरासी की नौकरी दिलाने के नाम पर पांच-पांच लाख रुपये वसूले.
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संविदा कर्मियों के साथ मिलकर रची थी साजिश
कोतवाली थानाध्यक्ष राजन कुमार ने बताया कि मुख्य साजिशकर्ताओं में शामिल सिंटू और श्रवण पटना हाईकोर्ट में संविदा पर क्लर्क के रूप में काम करते थे. ये दोनों हाईकोर्ट में दस्तावेजों की फोटोकॉपी और अन्य छोटे-मोटे कामों के लिए सुभाष चंद्र को सहयोगी के रूप में रखते थे. इस दौरान जब हाईकोर्ट में चपरासी की बहाली निकली, तब उन्होंने फर्जी नियुक्ति पत्र बनाना शुरू किया. सुभाष को क्लाइंट ढूंढ़ने की जिम्मेदारी दी गई. सुभाष ने बेरोजगार युवकों से संपर्क कर प्रत्येक से पांच लाख रुपये लिए और फर्जी नियुक्ति पत्र सौंप दिए.
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एक की मौत, एक फरार
अभ्यर्थी नियुक्ति पत्र लेकर हाईकोर्ट में ज्वॉइनिंग के लिए पहुंचे, तब ठगी का पर्दाफाश हुआ. इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज हुई. पुलिस ने बताया कि इस ठगी में शामिल सिंटू की मृत्यु हो चुकी है जबकि श्रवण अब भी फरार चल रहा है. पुलिस का कहना है कि श्रवण की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है. मुख्य आरोपी सुभाष चंद्र से पूछताछ जारी है, जिससे और भी खुलासे होने की उम्मीद है.
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