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Patna Water Metro: वाटर मेट्रो या रेल मेट्रो, किसका किराया होगा सस्ता? गंगा की लहरों पर दौड़ने की तैयारी 

Patna Water Metro: पटना में गंगा नदी पर वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट की तैयारी तेज हो गई है. वाटर मेट्रो छपरा से वैशाली तक छह बंदरगाहों से होते हुए 50 किमी लंबा सफर तय करेगी. जुलाई में टीम फिर से इसको लेकर अध्ययन करेगी. जानिए किराया और रूट…

Patna Water Metro: पटना में 15 अगस्त से जहां एक ओर रेल मेट्रो की शुरुआत होने जा रही है, वहीं गंगा नदी पर आधारित वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट भी तेजी से आकार ले रहा है. केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त पहल से यह योजना जल्द ही पटना और आसपास के क्षेत्रों के लिए यातायात की नई क्रांति साबित हो सकती है. कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड के तीन सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम ने हाल ही में गंगा में इस प्रोजेक्ट के लिए विभिन्न घाटों का निरीक्षण किया है. निरीक्षण के बाद वाटर मेट्रो के प्रस्तावित रूट की रूपरेखा भी तैयार कर ली गई है.

छह बंदरगाहों से गुजरेगी वाटर मेट्रो

भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) के निदेशक अरविंद कुमार के अनुसार, यह वाटर मेट्रो पहलेजा घाट (छपरा) से शुरू होकर बिदुपुर घाट (वैशाली) तक चलेगी. इस दौरान यह दीघा घाट, एनआईटी घाट, कोनहारा घाट, हरिहरनाथ मंदिर घाट और कंगन घाट से होकर गुजरेगी. इस पूरे रूट की कुल लंबाई लगभग 50 किलोमीटर होगी.

जुलाई में फिर आएगी विशेषज्ञों की टीम

जल्द ही कोच्चि मेट्रो के विशेषज्ञों की टीम एक बार फिर पटना पहुंचेगी. जुलाई में टीम गंगा में वर्षा ऋतु के दौरान जल प्रवाह, करंट और पानी के स्तर का आकलन करेगी. यह अध्ययन इसलिए ज़रूरी है ताकि वाटर मेट्रो के जहाज के लिए सही इंजन क्षमता तय की जा सके. जब गंगा में जलस्तर घटता या बढ़ता है, तब जहाजों के संचालन की तकनीकी आवश्यकताएं बदल जाती हैं. इस अध्ययन के आधार पर ही इंजन निर्माण और जेटी निर्माण की योजना तैयार होगी.

पहले चरण में छह बंदरगाह होंगे विकसित

प्रथम चरण में वाटर मेट्रो के लिए छह प्रमुख बंदरगाहों का विकास किया जाएगा. इसमें पहलेजा घाट, दीघा घाट, एनआईटी घाट, कोनहारा घाट, कंगन घाट और बिदुपुर घाट शामिल हैं. एनआईटी घाट पर पहले से बने जेटी को और उन्नत किया जाएगा. साथ ही, गायघाट को भी योजना में जोड़े जाने की संभावना है.

यह होगी प्रमुख दूरी

  • पहलेजा घाट से दीघा घाट: 10.62 किमी
  • दीघा घाट से एनआईटी घाट: 6.63 किमी
  • एनआईटी घाट से कोनहारा घाट (हरिहरनाथ मंदिर): 8.32 किमी
  • एनआईटी घाट से कंगन घाट: 7 किमी
  • कंगन घाट से बिदुपुर घाट: 10.7 किमी

सौर ऊर्जा से चलेगा जलयान

वाटर मेट्रो में एक बार में 100 यात्रियों के सफर की व्यवस्था होगी. इनमें 50 यात्रियों के बैठने और 50 के खड़े होकर यात्रा करने की जगह होगी. जलयान इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली से चलेगा और इसे सौर ऊर्जा से भी संचालित किया जा सकेगा. इसके संचालन के लिए केवल एक मीटर से कम जलगहराई की आवश्यकता होगी, जो गंगा में सामान्यतः उपलब्ध रहती है. किराया 20 से 40 रुपए के बीच निर्धारित किया जाएगा, जो आम जनता के लिए बेहद किफायती होगा. 

पटना मेट्रो रेल का किराया

शुरुआत में पटना मेट्रो में तीन कोच होंगे. एक बार में 150 लोग बैठ सकेंगे. जरूरत पड़ने पर कोच की संख्या 8 तक बढ़ाई जा सकती है. मेट्रो का किराया 10 से 60 रुपए तक होगा. कम दूरी के लिए ज्यादा किराया और लंबी दूरी के लिए कम किराया का नियम होगा.

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Aniket Kumar
Aniket Kumar
अनिकेत बीते 4 सालों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं. राजस्थान पत्रिका और न्यूजट्रैक जैसे मीडिया संस्थान के साथ काम करने का अनुभव. हाईपरलोकल और राजनीति की खबरों से अधिक जुड़ाव. वर्तमान में प्रभात खबर की डिजिटल टीम के साथ कार्यरत.

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