Patna PMCH: ज्ञान भवन में आयोजित ‘पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल’ के शताब्दी समारोह में बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्टूडेंट्स को शिक्षाविदों व चिकित्सकों ने उनकी मेहनत और उत्कृष्टता को सराहा. समारोह के मुख्य अतिथि, राज्य के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, अमेरिका से आये व्हाइट हाउस के चिकित्सा सलाहकार डॉ आशीष झा, एल्युमिनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ सत्यजीत, प्रिंसिपल डॉ बीपी चौधरी, और विशिष्ट अतिथि एसबीआई के सीजीएम के बंगाराजू सहित कई गण्यमान्य पूर्व चिकित्सकों ने टॉपर विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. इस अवसर पर कुल 100 टॉपर विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया, जिनमें 73 यूजी और 27 पीजी छात्र-छात्राएं शामिल रहे.

चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्टता की ओर बढ़ें : विजय कुमार चौधरी
कार्यक्रम का आयोजन ज्ञान भवन में हुआ, जिसका उद्घाटन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने किया. अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने कहा कि पीएमसीएच का इतिहास अत्यंत गौरवमयी रहा है. महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, लालबहादुर शास्त्री जैसे महान व्यक्तित्व यहां इलाज कराने आये थे. पीएमसीएच से शिक्षा प्राप्त करने वाले चिकित्सक न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतररार्राष्ट्रीय स्तर पर भी राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं. उन्होंने युवा गोल्ड मेडलिस्ट और चिकित्सकों से अपील की कि वे अपनी सेवा भावना के साथ मरीजों की सेवा करें और चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्टता की ओर बढ़ें.
पीएमसीएच छात्रों को मिलती थी अमेरिका-इंग्लैंड में नौकरी
कोविड काल में अमेरिका के व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति के बतौर सलाहकार रहे डॉ आशीष झा शताब्दी समारोह के पहले दिन के मुख्य वक्ता थे. डॉ आशीष यूएसए के ब्राउन विवि के पब्लिक स्वास्थ्य के डीन भी हैं. मौके पर उन्होंने ‘कोविड से सीख’ विषय पर अपना व्याख्यान दिया. डॉ झा ने कहा कि पीएमसीएच की ख्याति एक उच्च मेडिकल कॉलेज संस्थान के तौर पर फैली है. यहां के छात्रों की अमेरिका, इंग्लैंड, कतर, कनाडा आदि देशों में नौकरी की गारंटी थी. कोविड-19 पर डॉ झा ने कहा कि वह एक बुरा दौर था, जो कुछ मायनों में हमेशा याद रहेगा. लेकिन महामारी का सबसे बुरा दौर बिल्कुल खत्म हो चुका है.

दुनिया में पागल कोई नहीं होता : प्रो डॉ सलमान अख्तर
कार्यक्रम के दूसरे मुख्य वक्ता जेफरसन मेडिकल कॉलेज फिलाडेल्फिया के प्रो डॉ सलमान अख्तर रहे. उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई पागल नहीं होता, बस दिमाग काम करने का तरीका सबका अलग-अलग होता है. इसलिए डॉक्टर मरीज के भाव को समझें और उसी भाव के अनुसार मरीज का इलाज करें, तो समस्याएं खत्म हो जायेंगी. चिकित्सक को कभी वकील, बिजनेसमैन की तरह नहीं सोचना चाहिए. उनको सिर्फ सेवा के बारे में सोचना चाहिए. जब वे सेवा भूल कर पैसा कमाना, लालच, जात-पात, ऊंच नीच के बारे में सोचने लगते हैं, तो वे चिकित्सक नहीं रह जाते हैं.

पुरानी बिल्डिंग को यादगार के रूप में रखें : डॉ रचना
1998 बैच की छात्रा रह चुकी डॉ रचना सिन्हा लंदन में बतौर स्त्री एवं प्रसूति रोग के तौर पर अपनी पहचान बना चुकी हैं. 20 साल बाद कॉलेज के कार्यक्रम में पहुंची डॉ रचना कहती हैं- ‘पीएमसीएच बहुत बदल चुका है’. संस्थान को विश्वस्तरीय बनाया जा रहा है, जो काफी सराहनीय है. लेकिन याद के तौर पर पुरानी बिल्डिंग के कुछ पार्ट को रखना चाहिए, ताकि उसकी याद हमेशा बनी रहे.
घुटनों के प्रत्यारोपण में रोबोटिक सर्जरी बेहतर : डॉ अभिजीत
यूएसए के फ्लोरिडा से आये डॉ अभिजीत मानासवी ने रोबोट सर्जरी पर अपना व्याख्यान दिया. उन्होंने कहा कि उम्र बढ़ने की वजह से घुटनों का कार्टिलेज घिस जाता है, जिससे घुटनों में दर्द तथा गंभीर अवस्था में घुटनों में टेढ़ापन आ जाता है. पर अब रोबोटिक तकनीक से घुटनों की इस बीमारी का सटीक इलाज हो रहा है. इस सर्जरी के बाद काफी हद तक घुटने की प्राकृतिकता लौट आती है. वहीं दोपहर बाद के सत्र में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, रेरा अध्यक्ष विवेक सिंह भी मौजूद रहे.
राज्य के चिकित्सकों ने दुनिया में बढ़ाया बिहार का मान : सम्राट चौधरी
पीएमसीएच के शताब्दी समारोह में देश व दुनिया से आये चिकित्सकों के सम्मान में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने रात्रिभोज का आयोजन किया. इसमें डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी भी शामिल हुए. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सभी चिकित्सकों ने पीएमसीएच के साथ – साथ बिहार का भी मान वैश्विक पटल पर बढ़ाया है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि इस साल 2025 में पीएमसीएच 100 साल का हो गया. कॉलेज के शताब्दी समारोह में शामिल होने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक दिवसीय प्रवास पर कल 25 फरवरी को बिहार आ रही हैं. उन्होंने कहा कि पीएमसीएच अस्पताल 5,540 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है. इस विश्वस्तरीय अस्पताल में मरीजों के लिए 5,462 बेड की सुविधा होगी. अस्पताल के छत पर एक हेलीपैड का प्रावधान किया गया है, जहां एयर एम्बुलेंस उतर सकती है. इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव व विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, स्वास्थ्य सचिव मनोज सिंह, कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत, आयुष्मान भारत के सीईओ शशांक शेखर, स्वास्थ्य मंत्री के आप्त सचिव अमिताभ सिंह समेत कई वरीय चिकित्सक मौजूद रहे.