Green Energy: ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर की स्थापना के लिए बिजली कंपनी की ट्रांसमिशन लाइन बिछाने की संभावना तलाशनी शुरू हो गई है. यह लाइन उन इलाकों में बिछेगी जहां अक्षय ऊर्जा अधिक मात्रा में उपलब्ध है. जानकारी है कि लखीसराय के कजरा में बन रही देश की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना पूरा होने के बाद ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के लिए ट्रांसमिशन लाइन का काम शुरू होगा.
ग्रीन एनर्जी के बारे में जानें
बता दें कि ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर की अवधारणा सितंबर 2012 में आई थी. पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने इस संबंध में एक रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपा था. इसके तहत जिस क्षेत्र में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा या जल विद्युत से संबंधित इकाई है और जहां अक्षय ऊर्जा का बड़े पैमाने पर उत्पादन हो रहा है, वहां ऐसी ट्रांसमिशन लाइनों की व्यवस्था होनी चाहिए जो सिर्फ अक्षय ऊर्जा का ही संचरण करे. इसके लिए राज्यों को अपने स्तर पर ट्रांसमिशन लाइनों की व्यवस्था करनी चाहिए.
बांका और लखीसराय में शुरू हो सकता काम
मिली जानकारी के अनुसार बांका और लखीसराय में ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर पर काम शुरू होने की संभावना है. लखीसराय के कजरा में देश की सबसे बड़ी बैटरी स्टोरेज सौर ऊर्जा उत्पादन इकाई की स्थापना हो रही है. यहां दो इकाइयां स्थापित की जा रही हैं. इसके तहत पहले चरण में स्थापित की जा रही इकाई की उत्पादन क्षमता 185 मेगावाट है. जबकि दूसरे चरण में स्थापित की जाने वाली इकाई की क्षमता 116 मेगावाट है.
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अक्षय ऊर्जा की प्रचुरता
इसके परिणामस्वरूप आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में अक्षय ऊर्जा की प्रचुरता होगी. बांका में 50 मेगावाट सौर ऊर्जा उपलब्ध है और ऐसे में यहां भी ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर की पूरी संभावना जताई जा रही है. जानकारी मिली है कि बिजली कंपनी उन क्षेत्रों की पहचान कर रही है जहां ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर शुरू किया जा सकता है.
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