गुस्साये विधानसभा अध्यक्ष ने उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा से कहा,सदन मैं चलाउंगा या आप
संवाददाता, पटना
मतदाता पुनरीक्षण को लेकर मॉनसून सत्र का तीसरा दिन (बुधवार)भी विधानमंडल का दोनों सदन हंगामा और शोरगुल में डूबा रहा. प्रश्नकाल की शुरुआत से पहले ही विपक्ष ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) अभियान को लेकर विरोध का मोर्चा खोल दिया. भाई वीरेंद्र के असंसदीय टिप्पणी को लेकर उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने भी खरीखोटी सुनायी. उपमुख्यमंत्री इतने आक्रामक थे कि शांत होने का नाम ही नहीं ले रहे थे. इसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने कहा, आप मंत्री होकर हंगामा करेंगे. आप शांत रहें, पर विजय कुमार सिन्हा सुनने को तैयार नहीं थे. फिर अध्यक्ष ने टोका कि सदन मैं चलाऊंगा या आप चलायेंगे. इस बात को दोहराने के बाद भी भाजपा के सदस्य चुप होने को तैयार नहीं थे, तो अध्यक्ष ने उनके इस व्यवहार से दुखी होकर सदन की कार्यवाही को दोपहर दो बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी.हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने विरोधी दल के नेता तेजस्वी यादव को जैसे ही बोलने का मौका दिया कि उसी बीच में राजद के विधायक भाई वीरेंद्र ने अपनी सीट से असंसदीय टिप्पणी कर दी. इस टिप्पणी ने सत्ता पक्ष को तिलमिला दिया. पूरा सत्ता पक्ष एक सुर में विरोध करने लगा और सदन में तनाव की स्थिति बन गयी. विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की. उन्होंने तेजस्वी यादव से आग्रह किया कि वे अपने विधायक से खेद प्रकट करवाएं. आसन ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक भाई वीरेंद्र माफी नहीं मांगते तब तक सदन में किसी को बोलने की अनुमति नहीं दी जायेगी. हालात तब और बिगड़ गयी जब उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने भी भाई वीरेंद्र को आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया. सत्ता पक्ष के कई सदस्य हमलावर बने रहे. अध्यक्ष लगातार शांत रहने की अपील करते रहे ,लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था. दोपहर बाद विपक्ष फिर आक्रामक रहा, लेकिन विधायी कार्य के दौरान उसकी गैरहाजिरी के बीच सभी विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिये गये.
विधान परिषद में भी विपक्ष का हंगामा हुआ. पहली पाली केवल सात मिनट ही चल सकी. मतदाता पुनरीक्षण के विभिन्न मसलों और जातीय गणना के मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष दोनों ने एक -दूसरे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. तीखे कटाक्ष किये. काले कपड़े पहने अधिकतर विपक्षी सदस्य वेल में जा पहुंचे. यहां उन्होंने जमकर नारेबाजी की. सदन की कार्यवाही चलने देने के सभापति अवधेश नारायण सिंह के आग्रह को भी अनसुना कर दिया. लिहाजा सभापति ने दोपहर ठीक 12 बज कर सात मिनट पर सदन की कार्यवाही को दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
इस दौरान सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा समेत सभी सभी मंत्री मौजूद रहे. सदन में नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी के नेतृत्व में विपक्ष के अधिकतर सदस्य मौजूद दिखे. विपक्षी सदस्य विरोध स्वरूप तख्ती लिये थे. अधिकतर तख्तियों पर ””””””””वोट की चारी बंद करो ”””””””” लिखा था. सभापति अवधेश नारायण सिंह ने तय समय पर सदन की कार्यवाही शुरू की. जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, तो वरिष्ठ विपक्षी सदस्य अब्दुल बारी सिद्दीकी खड़े हुए. आसन से उन्होंने आग्रह किया कि विभिन्न विवादित मसलों पर सरकार अपना स्टेंड रखे. इस पर सत्ता पक्ष के सदस्य नीरज कुमार ने कुछ बोलना चाहा ,तो सिद्दीकी ने कहा कि आप मत बोलिये. आप सरकार नहीं हैं. एमएलसी नीरज कुमार ने सत्ताधारी पक्ष की तरफ से उनका कड़ा प्रतिवाद किया. कहा कि आप लोग जातीय गणना पर क्रेडिट लेते हैं. दूसरे विपक्ष अफवाह और भ्रम फैला रहा है कि अनुसूचित जाति,जनजाति और पिछड़ा आदि वर्ग के अधिकतर लोग बाहर रहते हैं. इस पर विपक्षी सदस्य भी उठ खड़े हुए. पोस्टर दिखाकर नारेबाजी शुरू कर दी. सभापति ने कहा कि पोस्टर मत लहराइये. इससे गुस्साये विपक्षी सदस्य सीधे वेल में उतर गये. नारेबाजी शुरू कर दी. सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी जवाबी नारेबाजी शुरू कर दी . अंत में सदन पहली पाली की कार्यवाही स्थगित कर दी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है