Rule Changes: बिहार में कल यानी 1 जुलाई से जमीन रजिस्ट्री के नियम बदलने वाले हैं. 1 जुलाई 2025 से विभाग ने 4 सख्त नियम लागू करने के आदेश जारी किये हैं. इसके तहत पहला नियम जमीन रजिस्ट्री में आधार बायोमेट्रिक का अनिवार्य होना है. दूसरा नियम डिजिटल डॉक्यूमेंट्स अपलोड करना समेत 4 नियम बनाए गए हैं. अब आइए इन चारों नियमों को विस्तार से जानते हैं, जो कल यानी 1 जुलाई से लागू होने वाले हैं.
दरअसल, बिहार सरकार ने जमीन की खरीद-बिक्री में हो रहे फर्जीवाड़े और भू-माफियाओं की गतिविधियों पर नकेल कसने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश में 1 जुलाई 2025 से संपत्ति की रजिस्ट्री प्रक्रिया के चार कड़े प्रावधान लागू के निर्देश दिये हैं. इन नियमों के लागू होने के बाद जमीन की खरीद बिक्री में पारदर्शिता आएगी और फर्जी दस्तावेजों या नकली पहचान के सहारे चल रहे गोरखधंधों पर नकेल कसेगी.
जानिए क्या हैं ये चार कड़े नियम-
1. आधार बायोमेट्रिक अनिवार्य
नए नियम के तहत अब जमीन की रजिस्ट्री सिर्फ नाम या कागजों के सहारे नहीं होगी बल्कि अब इसके लिए आधार कार्ड के बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन भी अनिवार्य होगा. इसका उद्देश्य यह है कि कोई भी व्यक्ति दूसरों की पहचान चुराकर या झूठी आईडी पर रजिस्ट्री नहीं करा सकेगा.
2. सभी डॉक्यूमेंट को डिजिटल अपलोड करना
संपत्ति रजिस्ट्री के लिए जरूरी सभी डॉक्यूमेंट्स को सरकारी पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड करना जरूरी होगा. इससे हर दस्तावेज का डिजिटल रिकॉर्ड विभाग के पास रहेगा, जिसे मिटाया या बदलना नामुमकिन होगा.
3. जमीन रजिस्ट्री में ऑनलाइन भुगतान
अब बिहार में जमीन की रजिस्ट्री में नकद लेनदेन की कोई जगह नहीं रहने वाली है. हर भुगतान ऑनलाइन तरीके से ही होगा और उसकी डिजिटल रसीद बनेगी जो विभाग के पास हमेशा सुरक्षित रहेगी.
4. रजिस्ट्री की तुरंत डिजिटल कॉपी
संपत्ति की रजिस्ट्री होते ही जमीन मालिक को उसकी डिजिटल कॉपी मिल जाएगी, जो पूरी तरह वैधानिक होगी और वह रसीद कभी भी सरकारी पोर्टल से डाउनलोड की जा सकेगी.