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Sahitya Akademi: मैथिली अनुवाद के लिए केष्कर ठाकुर को साहित्य अकादमी पुरस्कार

Sahitya Akademi: साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार, भारत की राष्ट्रीय साहित्य अकादमी द्वारा दिया जाने वाला एक साहित्यिक सम्मान है. यह पुरस्कार, साहित्य अकादमी द्वारा मान्यता प्राप्त 24 भाषाओं में सर्वश्रेष्ठ अनुवाद के लिए दिया जाता है. इस पुरस्कार की स्थापना साल 1989 में हुई थी. अनुवाद साहित्य अकादमी की कार्यप्रणाली का भी केंद्र है. साहित्य अकादमी, अनुवाद के क्षेत्र में कई तरह के काम करती है.

Sahitya Akademi: पटना. साहित्य अकादमी ने अनुवाद पुरस्कार 2024 की शुक्रवार को घोषणा की. साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक की अध्यक्षता में अकादमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में 21 अनुवादकों को अनुवाद पुरस्कार के लिए अनुमोदित किया गया. पटना के केष्कर ठाकुर को मैथिली, प्रसिद्ध आलोचक मदन सोनी को हिंदी और अनीसुर रहमान को अंग्रेजी के लिए साहित्य अकादमी का वर्ष 2024 का अनुवाद पुरस्कार दिये जाने की घोषणा शुक्रवार को की गयी. केष्कर को विभूति भूषण बंदोपाध्याय के बांग्ला उपन्यास आरण्यक के मैथिली अनुवाद के लिए यह पुरस्कार मिलेगा. केष्कर मूल रूप से मधुबनी के समौल हैं और वर्तमान में पटना में रहते हैं.

संताली भाषा के लिए नाजीर हेंब्रम को मिला पुरस्कार

संताली में इसबार संताल परगना के पाकुड़ जिला, महेशपुर प्रखंड अंतर्गत चंदालमारा गांव के रहने वाले नाजीर हेंब्रम को साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार मिला को मिला है. उन्हें यह पुरस्कार नीलोत्पल मृणाल द्वारा लिखित हिंदी उपन्यास डार्क हार्स के संताली अनुवाद पुस्तक हेंदे सादोम के लिए मिला. नाजीर हेंब्रम पेशे से प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी हैं और वे महेशपुर प्रखंड में पदास्थापित हैं. हेंदे सादोम के अलावे उन्होंने कई पुस्तकें लिखी है. इनमें सेदाय काथा (कहानी-2013 ), बांदोंग (कविता संग्रह-2020), कोरोम कोपाल (कविता संग्रह-2022),हेंदे सादोम (अनुवाद पुस्तक-2022) आदि प्रमुख हैं.

मदन सोनी को हिंदी के लिए हुआ चयन

प्रसिद्ध आलोचक मदन सोनी को हिंदी के लिए तथा अनीसुर रहमान को अंग्रेजी के लिए साहित्य अकादमी का वर्ष 2024 का अनुवाद पुरस्कार दिए जाने की घोषणा शुक्रवार को यहां की गई. हिंदी में अनुवाद के लिए मदन सोनी को यशोधरा डालमिया की अंग्रेजी पुस्तक के हिंदी अनुवाद ‘सैयद हैदर रज़ा: एक अप्रतिम कलाकार की यात्रा’ के लिए पुरस्कृत किया गया है. अंग्रेजी में यह पुरस्कार अनीसुर रहमान को उनके द्वारा अनूदित पुस्तक हजारों ख्वाहिशें ऐसी (द वंडरफुल वर्ल्ड ऑफ उर्दू गजल्स) को दिया गया है. पंजाबी के लिए चंदन नेगी को पुस्तक ‘तेरे लैई’ के अनुवाद तथा बांग्ला के लिए बासुदेब दास को ‘सदगरेर पुत्र नौका बेय जय’ पुस्तक के अनुवाद हेतु पुरस्कृत किया गया है.

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Ashish Jha
Ashish Jha
डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने को प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत.

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