संवाददाता, पटना : सोमवार को आइएमए हॉल में आयोजित एक विशेष प्रेस वार्ता और समीक्षा बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने सनातन जन चेतना अभियान को पूरे भारत में चलाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि गांधी मैदान में भगवान परशुराम जन्मोत्सव और सनातन महाकुंभ की ऐतिहासिक सफलता हुई है. आयोजन का नेतृत्व श्रीराम कर्मभूमि न्यास ने किया, जिसमें देश भर से हजारों संत और श्रद्धालु सम्मिलित हुए. उन्होंने कहा कि विशेष रूप से विशाखा शारदा पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंदेन्द्र सरस्वती जी व बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने आयोजन में भाग लेकर सनातन धर्म के उत्थान का आह्वान किया है. अब सनातन धर्म, वेद और राष्ट्रधर्म के जागरण के लिए “सनातन जन चेतना अभियान” को देशव्यापी आंदोलन का रूप दिया जा रहा है. वर्ष 2026 से 2030 तक यह महाकुंभ क्रमशः उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और अंततः 2030 में बिहार के बांका में सम्पन्न होगा. मालूम हो कि रविवार के कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों के साथ किया था. प्रेस वार्ता में उन्होंने यह भी कहा कि मैं सदैव बीजेपी का कार्यकर्ता हूं और इसी झंडे में लिपट कर चला जाऊंगा. कई लोग सनातन के इस महाकुंभ को विफल करने में लगे हुए हैं. सनातन रहेगा तभी शांति और समृद्धि आयेगी. सनातन पर कई देश ने शोध भी शुरू कर दिया है. कार्यक्रम में श्रीरामभद्राचार्यजी ने भव्य जानकी मंदिर निर्माण की मांग दोहरायी.
सनातन धर्म भारत की आत्मा : धीरेंद्र शास्त्री
वहीं धीरेंद्र शास्त्री ने सनातन धर्म को भारत की आत्मा बताया. इस अवसर पर ”सनातन संग भारत” पुस्तक और ”सनातन संवाद स्मारिका” का विमोचन हुआ है. चार संकल्प प्रस्ताव पारित किये गये, जिनमें मठ-मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करना, पुनौरा धाम में माता सीता मंदिर, मंदार पर्वत पर मंदिर जीर्णोद्धार और बक्सर में श्रीराम की प्रतिमा स्थापना शामिल हैं. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रविशंकर प्रसाद, प्रेम कुमार, दयाशंकर सिंह, निरहुआ, सहित कई राजनेता, संत और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे हैं.
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