संवाददाता, पटना बिहार प्रदेश माध्यमिक शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर शुक्रवार को राज्यभर के 715 माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मियों ने गलत नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए अपने-अपने विद्यालयों में काला बिल्ला लगाकर सांकेतिक हड़ताल की. महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राज किशोर प्रसाद साधु ने बताया कि शिक्षाकर्मियों की समस्याओं की अनदेखी की जा रही है और कई मांगों को लंबे समय से नजरअंदाज किया जा रहा है. इसी को लेकर महासंघ ने पांच सूत्री मांगों के समर्थन में आंदोलन की रूपरेखा तैयार की है. प्रदर्शनकारियों ने पटना में महासंघ कार्यालय पुनाईचक में भी प्रतिनियोजित संयोजकों के साथ काला बिल्ला लगाकर विरोध जताया. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इन मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया, तो 22 जुलाई को विधानसभा मार्च, प्रदर्शन और घेराव किया जायेगा. शिक्षकों की पांच सूत्री मांगों में राज्य सरकार द्वारा 715 अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों पर नियम के विरुद्ध थोपे गये परीक्षा समिति की संबद्धता विनियमावली 2011 को वापस लेने की मांग कर रही है. साथ में शैक्षणिक सत्र 2017-18 से 2024-25 तक के बकाया अनुदान को पुनः परीक्षण कर पूरी राशि के भुगतान की व्यवस्था करने की मांग है. 715 माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मचारियों को अनुदान के बदले वेतन दिया जाये. महासंघ ने आगे भी आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है. महासंघ ने शिक्षकों से अपील की है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से विरोध दर्ज कराएं और 22 जुलाई को विधानसभा मार्च को सफल बनाएं. इसके साथ-साथ राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर भी ज्ञापन सौंपा जायेगा.
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