पटना.भाकपा माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में मतदाता सूची का विशेष सघन पुनरीक्षण शुरू किये जाने की प्रक्रिया को गंभीर चिंता का विषय बताया है और इसे एनआरसी जैसी कवायद करार दिया है. उन्होंने कहा कि यह कवायद असम में हुए एनआरसी अभ्यास की याद दिलाती है. बिहार जैसे राज्य में इस तरह की प्रक्रिया न केवल प्रशासनिक रूप से अव्यवहारिक है, बल्कि इससे बड़े पैमाने पर आम जनता-विशेषकर गरीब, दलित, आदिवासी और मुस्लिम समुदाय के लोग मतदाता सूची से बाहर कर दिये जायेंगे. दीपंकर ने कहा एक जुलाई, 1987 से दो दिसंबर 2004 के बीच जन्मे किसी व्यक्ति को अपने माता या पिता में से किसी एक के भारतीय नागरिक होने और दो दिसंबर, 2004 के बाद जन्मे लोगों को माता-पिता दोनों के नागरिक होने के प्रमाण देने की जो शर्तें लगायी जा रही हैं, वे असम जैसे उदाहरणों से साफ हैं कि कैसे यह लाखों लोगों को उनके मताधिकार से वंचित कर सकती हैं.
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