Doctor Murder: पटना के अगमकुआं में अस्पताल संचालिका सुरभि राज की हत्या को लेकर नए खुलासे हो रहे हैं. पुलिस जांच में सामने आया है कि हत्या से पहले सुरभि के साथ बेरहमी से मारपीट की गई. जिसके निशान उनके शरीर पर मिले हैं. इसके बाद बेहद सुनियोजित तरीके से उन्हें छह गोलियां मारी गईं, जिसमें साइलेंसर लगी पिस्टल का इस्तेमाल किया गया. हत्या की साजिश में करीबी लोगों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है.
सीसीटीवी खराब, सबूत मिटाए गए
हत्या सुरभि के अस्पताल के ही दफ्तर में हुई, लेकिन अजीब बात यह है कि अस्पताल के सभी सीसीटीवी कैमरे खराब मिले. पुलिस को वारदात से पहले और बाद की कोई फुटेज नहीं मिली है. यही नहीं, हत्या के बाद सुरभि के कमरे में मौजूद खून के धब्बे और अन्य साक्ष्य साफ कर दिए गए. जांच में खुलासा हुआ है कि अस्पताल के ही एक कर्मी ने सफाई का काम किया, जिससे मामला और संदिग्ध हो गया है.
पुलिस पूछताछ में उलझे अस्पताल कर्मी, हिरासत में एक महिला
सोमवार को पटनासिटी के एएसपी 1 अतुलेश झा ने अस्पताल के 12 कर्मियों से गहन पूछताछ की. कुछ कर्मियों के बयानों में विरोधाभास मिलने पर पुलिस ने अस्पताल की एक महिला कर्मी को हिरासत में लिया है, जिसकी गतिविधियां संदेहास्पद लग रही हैं. पूछताछ के दौरान कर्मियों ने दावा किया कि उन्होंने गोली चलने की आवाज नहीं सुनी. यह बयान पुलिस के गले नहीं उतर रहा, क्योंकि सुरभि के शरीर में छह गोलियों के निशान मिले हैं.
सुरभि के पिता ने जताया अस्पताल कर्मियों पर संदेह, FIR दर्ज
सुरभि के पिता राजेश सिन्हा ने पुलिस को दिए बयान में अस्पताल कर्मियों की संलिप्तता की आशंका जताई है. उनकी शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. राजेश सिन्हा ने बताया कि शनिवार दोपहर उनके दामाद राकेश रौशन का कॉल आया, जिसमें बताया गया कि सुरभि गिरकर बेहोश हो गई हैं. जब वे अस्पताल पहुंचे, तो पता चला कि उनकी बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. इसके बाद रविवार को पोस्टमार्टम के बाद गुलबी घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया.
हत्या से जुड़े बड़े सवाल, जिनका जवाब पुलिस तलाश रही
हत्या से जुड़े कई सवाल हैं, जिनका जवाब अभी तक नहीं मिल सका है:
- सुरभि के कमरे के ठीक बगल में मीटिंग चल रही थी, तो किसी ने गोली चलने की आवाज क्यों नहीं सुनी?
- अगर सुरभि के कमरे में जाने का एक ही रास्ता था, तो कातिल अंदर कैसे पहुंचा और बाहर कैसे निकला?
- अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे वारदात से ठीक पहले खराब क्यों हो गए?
- खून और अन्य सबूत किसने और क्यों मिटाए?
- घटना की सूचना पुलिस को देरी से क्यों दी गई?
शक की सुई करीबियों पर
पुलिस को शक है कि हत्या में कोई करीबी व्यक्ति शामिल हो सकता है, जिसने हत्या की पूरी योजना पहले ही बना ली थी. जांच टीम अब अस्पताल कर्मियों, सुरभि के निजी जीवन और पेशेवर विवादों की गहराई से जांच कर रही है.
हत्या के बाद सबूत मिटाने का जो तरीका अपनाया गया, वह ‘कोल्ड ब्लडेड मर्डर’ की ओर इशारा करता है. यह सिर्फ एक आपराधिक वारदात नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश लग रही है. पुलिस ने मामले की तह तक जाने के लिए फॉरेंसिक टीम और टेक्निकल एक्सपर्ट्स की मदद लेनी शुरू कर दी है.
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