Tejashwi Yadav: बिहार की राजनीति एक बार फिर उबाल पर है. इस बार मुद्दा है वोटर लिस्ट. चुनाव आयोग की ओर से बिहार में मतदाता सूची को अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू की गई है, लेकिन आरजेडी ने इसे ‘वोटबंदी’ जैसा हमला करार दिया है. तेजस्वी यादव का कहना है कि यह सीधे तौर पर दलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के वोट खत्म करने की साजिश है.
तेजस्वी ने सरकार पर किया तीखा हमला
तेजस्वी यादव ने इस पूरी प्रक्रिया को लोकतंत्र का अपमान बताते हुए तीखा हमला बोला है. उनका कहना है, ‘सरकार संविधान को कुचलने के लिए चुनाव आयोग का इस्तेमाल कर रहे हैं. फर्जी वोट जोड़े जा रहे हैं और गरीबों के असली वोट काटे जा रहे हैं. ये लोकतंत्र की हत्या है.’
तेजस्वी का सवाल-18 दिन में बाहर से कौन लौटेगा?
तेजस्वी ने चुनाव आयोग से पूछा है कि बिहार के वे लाखों मजदूर जो दिल्ली, पंजाब, गुजरात जैसे राज्यों में काम कर रहे हैं, क्या वे 18 दिन में वापस लौटकर नाम जुड़वा पाएंगे? उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर उन्हीं वर्गों के वोट काट रही है, जो बीजेपी को वोट नहीं देते.
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि आधार कार्ड, राशन कार्ड जैसे सरकारी पहचान पत्रों को वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए क्यों खारिज किया जा रहा है? ‘क्या ये दस्तावेज अब मान्य नहीं हैं, या फिर बहाना बनाकर लोगों को वोट देने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है?’
सुप्रीम कोर्ट में आरजेडी की याचिका, मनोज झा ने उठाई आवाज
राज्यसभा सांसद मनोज झा ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में मांग की गई है कि जब तक चुनाव नजदीक हैं और लोग कागजात के लिए परेशान हैं, तब तक इस प्रक्रिया पर रोक लगे. याचिका में ये भी कहा गया है कि आयोग कुछ जरूरी दस्तावेजों को मानने से इनकार कर रहा है, जिससे गरीब तबके सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं.
तेजस्वी ने दी चेतावनी, अगर बात नहीं मानी गई तो आंदोलन होगा
तेजस्वी यादव ने दो टूक कहा कि अगर चुनाव आयोग ने यह प्रक्रिया नहीं रोकी और वोटर लिस्ट अपडेट में पारदर्शिता नहीं दिखाई, तो RJD राज्यभर में आंदोलन छेड़ेगी. ‘जब वोट देने का ही अधिकार छीन लिया जाए, तो कैसा लोकतंत्र और कैसा संविधान?’ उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 326 का हवाला देते हुए आयोग को चुनौती दी.