संवाददाता, पटना
20 वर्षों की परिपक्वता अवधि पूरी होने के बावजूद कंपनी ने निवेशक को घोषित दर के अनुरूप बढ़ी हुई राशि नहीं चुकायी. अब जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने छह फीसदी ब्याज के साथ कंपनी को निवेशक को राशि लौटाने को कहा है. मामला 1997 में किये गये एक निवेश से जुड़ा है, जब बिनोद कुमार ने कुबेर प्लांटर्स लिमिटेड की हाइ रेगुलर रिटर्न टीक यूनिट योजना (प्लान एफ-3) में 20,000 का निवेश किया था. योजना के अनुसार, 20 वर्षों के बाद निवेशक को 5,62,500 की वापसी सुनिश्चित की गयी थी. लेकिन परिपक्वता अवधि पूरी होने के बाद भी कंपनी ने राशि का भुगतान नहीं किया. आयोग के अध्यक्ष प्रेम रंजन मिश्रा व सदस्य रजनीश कुमार की पीठ ने अपने फैसले में कुबेर प्लांटर्स लिमिटेड को आदेश दिया है कि वह निवेशक को 5,62,500 की राशि छह फीसदी वार्षिक ब्याज सहित 120 दिनों के भीतर अदा करे. आयोग ने कंपनी को 20,000 मानसिक पीड़ा और शारीरिक कष्ट के लिए तथा 10,000 मुकदमा खर्च के रूप में भी भुगतान करने को कहा है. आयोग ने अपने आदेश में कहा कि यदि कंपनी 120 दिनों के भीतर आदेश का पालन नहीं करती है, तो शिकायतकर्ता को 10,000 की अतिरिक्त राशि धारा 71, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत वसूली लागत के रूप में मिलेगी.
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