संवाददाता, पटना : सारण जिले के हथिसार टोला कोरर निवासी 13 वर्षीया नेहा कुमारी के आकस्मिक निधन पर परिजनों ने नेत्रदान का फैसला किया, ताकि उसकी आंखों से कोई और दुनिया देख सके. परिवार की इच्छा पर आइजीआइएमएस के उपनिदेशक और क्षेत्रीय चक्षु संस्थान (आरआइओ) के चीफ डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा और आइ बैंक के इंचार्ज डॉ नीलेश मोहन के दिशा-निर्देश और उनकी टीम ने बच्ची नेहा की दोनों आंखों का सफल परीक्षण करके दो कॉर्निया सुरक्षित रख ली. इससे अंधता से जूझ रहे बच्चे से लेकर बुजुर्ग की जिंदगी रोशन होगी. संस्थान प्रशासन के अनुसार बिहार में अब तक के हुए नेत्रदान में यह सबसे कम उम्र की कॉर्निया का डोनेशन हुआ हैै.खासबात तो यह है कि यह नेत्रदान तीन अगस्त को अंगदान दिवस के दिन किया गया. डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा ने बताया कि किसी के निधन होने पर छह घंटे में नेत्रदान किया जा सकता है. जिस व्यक्ति का नेत्रदान कराया जा रहा है, उसकी आंखों पर रुई गीली कर रख दें. कमरे का पंखा बंद कर दें, जिससे आंखों की कॉर्निया में नमी बनी रहे. इसके साथ ही मृतक के सिर के नीचे तकिया लगा दें. नेत्रदान के लिए आइजीआइएमएस के हेल्पलाइन नंबर 8544413012 काॅल कर सकते हैं.
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