Bihar News: बिहार पुलिस ने बड़े ऑनलाइन परीक्षा घोटाले का पर्दाफाश करते हुए गर्दनीबाग स्थित स्वामी अय्यप्पन ऑनलाइन परीक्षा केंद्र पर छापेमारी कर दो परीक्षा माफियाओं को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए आरोपी रौशन कुमार उर्फ रौशन मुखिया रहुई, नालंदा और राहुल राज नूरसराय, नालंदा के बताए जा रहे हैं. ये दोनों रेलवे लोको पायलट परीक्षा में सेटिंग कर लाखों रुपये की उगाही कर रहे थे.
2 करोड़ की डील, 20-20 लाख में पास कराने का खेल
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि इन माफियाओं ने 10 अभ्यर्थियों से परीक्षा पास कराने के लिए 20-20 लाख रुपये में सौदा किया था. यानी कुल 2 करोड़ रुपये की वसूली की जानी थी. रौशन कुमार पहले भी SSC MTS परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में फरार चल रहा था.
पुलिस ने कैसे किया भंडाफोड़?
पूर्णिया में पिछले साल 14 नवंबर 2024 को SSC MTS परीक्षा में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था. तब पुलिस ने सेंटर पर छापा मारकर 35 लोगों को पकड़ा था, लेकिन मास्टरमाइंड रौशन कुमार और राहुल राज फरार हो गए थे. दोनों की गिरफ्तारी के लिए घरों पर इश्तेहार चिपकाए गए थे. पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि पूर्णिया में रेड पड़ने के बाद भी वे बिहार के अलग-अलग जिलों में ऑनलाइन एग्जाम सेंटर चला रहे थे. सहरसा में नया परीक्षा केंद्र खोलने की भी योजना थी.
बड़ी साजिश का खुलासा, कई और आरोपी निशाने पर
पुलिस के मुताबिक, स्वामी अय्यप्पन एजु सॉल्यूशन एग्जाम सेंटर के मालिक रौशन मुखिया, कटिहार के जदयू नेता रौशन मंडल और वैशाली के विवेक कुमार भी इस रैकेट का हिस्सा हैं. पुलिस अब बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है.
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कैसे चलता था फर्जीवाड़ा?
परीक्षा पास कराने के लिए असली कैंडिडेट्स से 10 लाख रुपये की डील होती थी. परीक्षा में बैठने के लिए फर्जी कैंडिडेट्स को 80 हजार से 1.5 लाख तक दिए जाते थे. SSC MTS परीक्षा के फ्लाइंग ऑब्जर्वर इजहार आलम की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा हो रहा था. पूर्णिया एसपी कार्तिकेय के. शर्मा ने बताया कि आरोपियों की पूरी नेटवर्किंग को खत्म करने के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. ऑनलाइन परीक्षा माफिया के खिलाफ यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है.