Bihar News: बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की मुहिम लगातार तेज होती जा रही है. जनवरी से जून 2025 तक निगरानी टीम ने राज्य के अलग-अलग जिलों में छापेमारी कर 43 घूसखोर अधिकारियों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. इनमें सबसे ज्यादा मामले राजधानी पटना से सामने आए हैं, जहां 8 भ्रष्ट अधिकारी पकड़े गए.
इन छह महीनों में जिन अधिकारियों पर कार्रवाई हुई, उनमें सबसे ज्यादा 10 पुलिस सब-इंस्पेक्टर और 9 राजस्व विभाग से जुड़े कर्मचारी या अधिकारी शामिल हैं. इसके अलावा, 6 अधिकारियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में कार्रवाई की गई है, जबकि दो अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के लिए पद का दुरुपयोग करने का केस दर्ज किया गया है.
सबसे बड़ी बरामदगी जयनगर से
निगरानी टीम की ओर से इन अधिकारियों के पास से कुल 15.72 लाख रुपये की अवैध राशि जब्त की गई है. सबसे बड़ा घूस का मामला मधुबनी जिले के जयनगर में सामने आया, जहां राजस्व कर्मचारी सह अंचल निरीक्षक अजय कुमार मंडल को 3 लाख रुपये घूस लेते हुए 24 मई को गिरफ्तार किया गया. इसके अलावा, पूर्वी चंपारण के कार्यपालक अभियंता अजय कुमार को 2 लाख रुपये लेते हुए 29 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था.
हर शिकायत पर फौरन कार्रवाई
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के डीजी जीएस गंगवार के मुताबिक, “हमारा फोकस आम जनता की शिकायतों पर है. चाहे 5 हजार की घूस हो या 5 लाख की, हर शिकायत को गंभीरता से लिया जाता है. निगरानी थाना 24 घंटे एक्टिव रहता है, यहां तक कि छुट्टियों में भी टीमें अलग-अलग जिलों में तैनात रहती हैं.”
हर दिन होती है छापेमारी
उन्होंने बताया कि हर दिन राज्य के अलग-अलग हिस्सों में तीन से चार टीमें छापेमारी में निकलती हैं. इसी सख्त और व्यवस्थित कार्रवाई का नतीजा है कि राज्य में भ्रष्ट अधिकारियों की गर्दन पर शिकंजा कसता जा रहा है. निगरानी की इस सक्रियता ने जनता में विश्वास तो बढ़ाया ही है, साथ ही घूसखोरों में भी डर का माहौल बना दिया है.
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