Voter List: बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होना है. इसको लेकर चुनाव आयोग ने अपने हिस्से की तैयारी शुरू कर दी है. बीते 25 जून से भारत निर्वाचन आयोग ने पूरे बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण करने का निर्देश जारी किया है. इसके तहत वोटरों का सत्यापन किया जा रहा है. इस दौरान बीएलओ आपके घर तक गणना फॉर्म देने पहुंच रहे हैं. इसको भरकर आपको वापस बीएलओ को जमा करना है. आप इसे ऑनलाइन भी जमा कर सकते हैं. वोटर सत्यापन के लिए कुछ जरूरी दस्तावेज मांगे गए हैं. लेकिन, अब भी बहुत लोगों को कन्फ्यूजन है कि कौन लोगों को डॉक्यूमेंट जमा करने हैं और किसे नहीं. आज हम इस बात को समझेंगे कि आखिर किसे कोई भी विशेष कागज दिखाने की जरूरत नहीं है.
इन लोगों को नहीं देना है कोई अतिरिक्त दस्तावेज
मतदाताओं की असमंजस को दूर करते हुए उप निर्वाचन पदाधिकारी ने साफ किया है कि जिन मतदाताओं का नाम 1 जनवरी 2003 की मतदाता सूची में दर्ज है, उन्हें इस विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान कोई भी अतिरिक्त दस्तावेज देने की जरूरत नहीं पड़ने वाली है. आयोग ने 2003 की वोटर लिस्ट को अपने पोर्टल पर अपलोड कर दिया है. वोटर खुद या बीएलओ की सहायता से लिस्ट में अपना नाम चेक कर सकते हैं.
नाम न होने पर कौन-से दस्तावेज देने होंगे?
यदी किसी व्यक्ति का नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं है, लेकिन उनके माता-पिता का नाम सूची में दर्ज है तो ऐसे मामलों में माता-पिता के नाम का जिक्र ही प्रमाण के तौर पर वैलिड होगा. वहीं, यदि दोनों का नाम नहीं है, तो उन्हें आयोग की तरफ से तय किए गए 11 प्रकार के डॉक्यूमेंट्स में से कोई एक प्रस्तुत करना होगा.
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