भंडरा़ भंडरा प्रखंड क्षेत्र के बीटपी गांव में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा एक करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पांच वर्ष पूर्व एकमात्र खेल स्टेडियम का निर्माण शुरू किया गया था. लेकिन विभागीय लापरवाही और ठेकेदार की उदासीनता के कारण आज तक यह स्टेडियम अधूरा पड़ा है. इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बावजूद यह स्टेडियम खिलाड़ियों के उपयोग लायक नहीं बन सका है. ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण की राशि का बंदरबांट कर लिया गया है. ठेकेदार द्वारा आधा-अधूरा कार्य कर इसे यूं ही छोड़ दिया गया है और अब कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है. स्टेडियम का समतलीकरण ढंग से नहीं : सरकार की मंशा थी कि प्रत्येक प्रखंड में खेल को बढ़ावा देने के लिए स्टेडियम बनाया जाये. इसी के तहत बीटपी गांव में निर्माण की शुरुआत हुई थी, लेकिन यह महत्वाकांक्षी योजना खिलाड़ियों के लिए फायदेमंद नहीं बन सकी. स्टेडियम का समतलीकरण ढंग से नहीं किया गया, जिससे बारिश के समय मैदान में जल जमाव हो जाता है. मैदान के बीचोबीच बना भवन पांच साल में ही जर्जर हो चुका है. वहीं, शौचालय की हालत इतनी खराब है कि उसका उपयोग करना मुश्किल है. शौचालय की टंकी का स्लैब तक नहीं डाला गया है. पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं : खेल मैदान में पीने के पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है. मैदान की हालत यह है कि अब तक किसी भी प्रकार का प्रखंड स्तरीय खेल का आयोजन यहां नहीं हो सका है. स्थानीय लोगों का कहना है कि स्टेडियम पूरी तरह अनुपयोगी हो गया है और शासन-प्रशासन दोनों की चुप्पी ने खिलाड़ियों के सपनों को ध्वस्त कर दिया है.
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