लोहरदगा़ झारखंड आंदोलन के अग्रणी नेता और दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर जिला कांग्रेस कमेटी, लोहरदगा ने गहरा शोक व्यक्त किया है. इस अवसर पर जिला अध्यक्ष सुखैर भगत की अध्यक्षता में शोकसभा आयोजित की गयी. इसमें दिवंगत नेता के प्रति दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी. सभा में उपस्थित नेताओं व कार्यकर्ताओं ने झारखंड आंदोलन में शिबू सोरेन के योगदान को याद करते हुए उनके नेतृत्व, संघर्ष और त्याग को नमन किया. जिला अध्यक्ष सुखैर भगत ने कहा कि शिबू सोरेन ने झारखंड अलग राज्य की मांग को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलायी. वे झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक नेताओं में से एक थे और आदिवासी अधिकारों की बुलंद आवाज बने. प्रदेश प्रतिनिधि नेसार अहमद ने कहा कि उनके निधन से राज्यवासी मर्माहत हैं. उन्होंने भूमि अधिग्रहण, खनन और विस्थापन के विरुद्ध संघर्ष कर आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन के अधिकार की रक्षा की. 15 नवंबर 2000 को झारखंड को राज्य का दर्जा दिलाने में उन्होंने केंद्र सरकार पर निर्णायक दबाव बनाया. शोकसभा में शकील अहमद, प्रदीप विश्कर्मा, रीना भगत, मोहन दुबे, सैयद बेलु, नंदकिशोर शुक्ला, प्रकाश उरांव, संगीता उरांव, संतोषी उरांव, रविंदर खेरवार, इम्तियाज अंसारी, मोजबील अंसारी, सोनू कुरैशी, जुगल भगत, विनोद खेरवार, किशोर साहू, सरिता देवी, स्वाति बागवार, मानौवर आलम सहित अनेक लोग मौजूद थे. सभी ने उनके दिखाये मार्ग पर चलने का संकल्प लिया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है