लोहरदगा. लोहरदगा गुमला ट्रक ऑनर एसोसिएशन के अध्यक्ष कवलजीत सिंह ने प्रेस बयान जारी करते हुए कहा है कि बॉक्साइट ट्रकों का परिचालन जो ऊपर पाट( नेतरहाट प्लोटो) एवं सेरेगदाग, विमरला से होता है, उसमें गुमला जिला खनन पदाधिकारी द्वारा ट्रक मालिकों का शोषण किया जा रहा है एवं मनमानी तरीके से ट्रक मालिकों को परेशान किया जा रहा है. जिला खनन पदाधिकारी गुमला का कहना है कि पहाड़ से लेकर लोहरदगा हेसल एवं टोरी, रिचूघूटा अनलोडिंग साइडिंग स्टेशनों तक तक लगभग 100 किलोमीटर की दूरी 4 घंटा में तय किया जाए एवं 150 से 200 किलोमीटर की दूरी 5 से 6 घंटे में तय नहीं करने पर केस किया जा रहा है. ड्राइवर और ट्रक मालिकों को जेल भेजा जा रहा है और जरा सी देरी होने पर 50 से 60 हजार रुपए या फाइन काटा जा रहा है. जबकि पहाड़ से लेकर अनलोडिंग स्टेशनों तक में दर्जनों जगह हाट बाजार, स्कूल ,नो एंट्री, वीआइपी का आगमन आये दिन जुलूस धरना ,प्रदर्शन, धार्मिक आयोजन, सड़क जाम सहित अनेक परेशानियां हैं. अगर इन अफसरों को लगता है कि चार घंटे में गाड़ी पंचर होने पर या खराब होने पर भी पहुंच जायेगी तो साथ में चले और हम लोग को गाड़ी चलवा कर दिखायें, उनके इस कर्म के चलते एक्सीडेंट की भी संभावना बढ़ रही है और एक ओर प्रशासन कहता है कि सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाए, दूसरी ओर स्वयं उन्ही के ऑफिसर कह रहे हैं की गाड़ी को हवाई जहाज की तरह चला कर माल को पहुंचाइये. वहीं गुमला वन विभाग द्वारा नाका में पेपर वन विभाग का चेक नहीं करके जिला खनन पदाधिकारी को जो पेपर जांच करनी चाहिए. संगठन दोनों विभागों को चेतावनी देती है कि अगर दोनों विभाग गुमला जिला के अपनी कार्यशाली को नहीं सुधारते हैं और ट्रक मालिकों को तंग करना बंद नहीं करते हैं, तो एसोसिएशन दोनों कार्यालय का घेराव करेगी और जरूरत पड़ने पर लगभग 2000 ट्रकों का परिचालन अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया जायेगा, जिससे सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपए का राजस्व की हानि होगी. जिसकी सारी जिम्मेवारी गुमला जिला खनन पदाधिकारी एवं गुमला डीएफओ की होगी.
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