लोहरदगा़ शहर के अपर बाजार स्थित ठाकुरबाड़ी मंदिर तक जाने वाला मार्ग पूरी तरह बदहाल हो चुका है. यह मार्ग धार्मिक आस्था का केंद्र ठाकुरबाड़ी मंदिर तक पहुंचने का एकमात्र जरिया है, लेकिन सड़क पर जल जमाव, कचरे का अंबार और दुर्गंध ने राह को टेढ़ी खीर बना दिया है. मंदिर के बगल में स्थित ऐतिहासिक ठाकुराइन तालाब, जो बाबू वीर कुंवर सिंह की बहन द्वारा बनवाया गया था, आज उपेक्षा का शिकार है. इसके पास बैंक ऑफ बड़ौदा और सती स्थल भी है. लेकिन सफाई और सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है. नगर परिषद को कई बार इस मार्ग की मरम्मत और जल निकासी की व्यवस्था को लेकर ज्ञापन सौंपा गया, पर कोई असर नहीं पड़ा. ठाकुराइन तालाब के समीप अशोक पोद्दार के घर के सामने से मंदिर तक जाने वाला रास्ता इतना जर्जर है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. इस रास्ते पर आते ही लोगों के मन में एक अलग घृणा पैदा होती है़ महिलाएं खासकर इस रास्ते से गुजरने से कतराती हैं, पर मजबूरी में मंदिर पहुंचती हैं. समाजसेवी ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि यह मार्ग बेहद खराब है और गंदगी देख मन व्यथित हो उठता है. नगर परिषद प्रशासन को इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. क्योंकि लोगों की भावना इस मंदिर से जुड़ी हुई है. सामाजिक कार्यकर्ता संजय बर्मन ने नगर परिषद से विशेष ध्यान देने की मांग की. क्योंकि यहां से हजारों लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई है. उन्होंने कहा कि मंदिर जाने का मार्ग ही जब इतना बदहाल है तो अन्य स्थानों की स्थिति क्या होगी. मारवाड़ी समाज के जयप्रकाश शर्मा ने कहा कि ठाकुरबाड़ी मंदिर जाने वाले रास्ते की स्थिति देखकर काफी दुख होता है. नगर परिषद प्रशासन को चाहिए कि इस पर अविलंब संज्ञान लेकर इसकी मरम्मत कराये और रास्ते को बेहतर करे. सेवा भारती के अध्यक्ष दीपक सर्राफ का कहना है कि नगर परिषद प्रशासन को ऐसे स्थानों की विशेष देखभाल करनी चाहिए ताकि लोगों को सुविधा हो सके. ठाकुरबारी मंदिर जाने वाले रास्ते में गंदगी, जल जमाव और कचरे से उठती दुर्गंध से लोगों का मन खराब हो जाता है. स्थानीय लोगों ने डीसी से आग्रह किया है कि हुजूर कभी तो इस रास्ते से आप भी गुजरिये, तभी लोहरदगा में सफाई और विकास की वास्तविकता का आपको अंदाजा मिल पायेगा और सही वस्तुस्थिति का आप अनुभव कर पायेंगे.
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