सतबरवा. पलामू प्रमंडल के प्रतापी राजा मेदिनीराय के याद में प्रतिवर्ष छठ महापर्व के पारण के अहले सुबह सतबरवा प्रखंड के रबदा गांव के फुलवरिया टोला औरंगा नदी के तट पर लगने वाला दो दिवसीय पलामू किला मेला की जमीन पर अवैध रूप से मकान बनाने का आरोप राष्ट्रीय पलामू किला आदिवासी जतरा समिति ने लगाया है. वहीं निर्माण कार्य पर तुरंत रोक लगाने की मांग करते हुए समिति ने सतबरवा सीओ कृष्ण मुरारी तिर्की को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन सौंपे जाने के तुरंत बाद सीओ दो सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच करने का आदेश दिया है. समिति के अध्यक्ष प्रदीप सिंह चेरो ने कहा है कि कुछ आदिम जनजाति परहिया समुदाय के लोगों के द्वारा अपनी जमीन बता कर पलामू किला मेला स्थल की जमीन पर अवैध रूप से मकान निर्माण कराया जा रहा है, जिससे पलामू किला मेला का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है, जिससे आदिवासी समुदाय तथा राजा उनके वंशजों में काफी आक्रोश है. इसको गंभीरता से लेते हुए प्रशासन को अभिलंब रोक लगाने की जरूरत है. समिति के सचिव गणेश्वर सिंह ने बताया कि पलामू किला मेला का आयोजन भगवत राय, मेदिनी राय तथा राजा के अंतिम शासक चुरामन राय के बाद उनके वंशजों के द्वारा सैकड़ो वर्षों से होता आ रहा है. समय-समय पर इस मेले में राज्य के मंत्री व विधायक आते रहते हैं. मगर कुछ वर्षों के दरमियान मेला स्थल की जमीन को अपना बताते हुए मकान का निर्माण करवाया जा रहा है, जो सरासर गलत है. समिति ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अवैध रूप से किये जा रहे निर्माण कार्य को नहीं रोका गया तो मजबूर होकर ग्रामीणों के सहयोग से आंदोलन किया जायेगा.
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