मेदिनीनगर. पलामू जिला में कार्यरत 108 एंबुलेंस कर्मचारियों के दस्तावेज के सत्यापन की जिम्मेवारी रांची के सम्मान फाउंडेशन को दी गयी थी. इस कार्य को लेकर रविवार को सिविल सर्जन कार्यालय में बैठक हुई. लेकिन एंबुलेंस कर्मियों के दस्तावेज के सत्यापन का कार्य नहीं हो सका. झारखंड राज्य एंबुलेंस कर्मचारी संघ ने सम्मान फाउंडेशन के मनमानी का खुलकर विरोध किया. संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीरज कुमार ने बताया कि 26 जून को सम्मान फाउंडेशन और एंबुलेंस कर्मचारी संघ के बीच बैठक संपन्न हुई थी. बैठक में नौ बिंदुओं पर आपसी समझौता हुआ था. संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि अभी तक सम्मान फाउंडेशन ने उस समझौते के किसी भी बिंदु को लागू नहीं किया. संस्था ने एंबुलेंस कर्मचारियों को पीएफ, इएसआइसी और श्रम कानून के तहत औपचारिक रूप से नियुक्ति पत्र देने की बात फाउंडेशन ने कहा था.उसी दिन तय हुआ था कि सिविल सर्जन की अध्यक्षता में बैठक आयोजित कर कर्मियों के सभी दस्तावेजों का सत्यापन किया जायेगा. इसी निर्णय के आलोक में रविवार को सिविल सर्जन कार्यालय में बैठक हुई. फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने एंबुलेंस कर्मचारियों से श्रम कानून के खिलाफ नियुक्ति पत्र पर जबरन हस्ताक्षर करा रहे थे. श्री तिवारी ने बताया कि एंबुलेंस कर्मचारियों के पीएफ व इएसआइसी से संबंधित कोई भी फॉर्म या प्रक्रिया पूरी नहीं की जा रही थी. संघ की बैठक में तय किया गया कि 22 जुलाई रांची स्थित फाउंडेशन के कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया जायेगा. इसके बाद झारखंड के सभी जिले में कार्यरत एंबुलेंस कर्मचारी 28 जुलाई से हड़ताल पर चले जायेंगे.
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