मेदिनीनगर. शहर के कई इलाकों में पेयजल की आपूर्ति भी सुचारू रूप से नहीं हो रही है. गरमी का मौसम दस्तक दे चुका है और निगम क्षेत्र में आमलोग पेयजल जैसी बुनियादी जरूरतों से महरूम हैं. बारालोटा जलापूर्ति योजना के माध्यम से नियमित जलापूर्ति नहीं हो पा रही है. सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए वित्तीय वर्ष 2015-16 में इस जलापूर्ति योजना को स्वीकृति दी थी. योजना पूर्ण होने के बाद करीब दो वर्षों तक सुचारू रूप से कुछ इलाकों में जलापूर्ति हुई. इसके बाद जलापूर्ति व्यवस्था प्रभावित होने लगी. मालूम हो कि इस जलापूर्ति योजना से सदर प्रखंड के चियांकी, रजवाडीह, जमुने पंचायत के अलावा नगर निगम क्षेत्र के रेड़मा, बारालोटा, पोखराहा खूर्द के इलाके में जलापूर्ति की व्यवस्था है, लेकिन नियमित जलापूर्ति नहीं होने के कारण लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. कुछ वर्ष पहले से नगर निगम प्रशासन द्वारा इस जलापूर्ति योजना का संचालन स्वयं किया जा रहा है. इस जलापूर्ति योजना को दुरूस्त करने के नाम पर निगम प्रशासन ने लाखों रुपये खर्च कर दिये फिर भी इसका संचालन नियमित रूप से नहीं हो पा रहा है. फिलहाल स्थिति यह है कि दो दिनों के अंतराल पर जलापूर्ति हो रही है. वह भी चियांकी व शहरी क्षेत्र में कुछ इलाकों में. इधर पिछले तीन दिनों से जलापूर्ति ठप है. रेड़मा दुर्गा पेट्रोल पंप के पास जलापूर्ति का राइजिंग पाइप फटा हुआ है. अभी तक इसकी मरम्मत नहीं करायी गयी है. गुरुवार को निगम प्रशासन ने मरम्मत का कार्य शुरू कराया है. उम्मीद जतायी जा रही है कि दो दिनों के अंदर क्षतिग्रस्त पाइप की मरम्मत पूरी हो जायेगी. इसके बाद जलापूर्ति शुरू की जायेगी. इस योजना का पंप हाउस भुसही में स्थापित है और वाटर ट्रिटमेंट प्लांट चियांकी पहाड़ पर है. तकनीकी खराबी के कारण भुसही पंप हाउस व चियांकी डब्लयूटीपी का एक-एक मोटर ही संचालित होता है. बताया जाता है कि जलमीनार में पानी स्टोर करने में दो दिन समय लग जाता है. यही वजह है कि तीन दिनों के अंतराल पर जलापूर्ति होती है.
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