विश्रामपुर. नगर परिषद के द्वारा बंदोबस्त सैरातों की वसूली के विरोध में व्यवसायियों ने आंदोलन शुरू कर दिया. विश्रामपुर बाजार क्षेत्र के व्यवसायियों ने बुधवार को अपनी दुकानें बंद रखी और सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करने लगे. इसके बाद सभी व्यवसायी धरना पर बैठ गये. मालूम हो कि मार्च माह के अंतिम सप्ताह में विश्रामपुर नगर परिषद प्रशासन ने पहली बार हाट बाजारों की बंदोबस्ती की है. एक अप्रैल से संवेदक के द्वारा वसूली शुरू की गयी. व्यवसायियों ने इसका खुल कर विरोध किया. व्यवसायियों का कहना था कि नगर परिषद प्रशासन टैक्स का बोझ थोप रही है. किसी तरह वे लोग व्यवसाय कर अपने परिवार को भरण पोषण करते हैं. महंगाई व टैक्स के बोझ से व्यवसायी दबे हुए हैं. नगर परिषद के द्वारा हाट बाजार की बंदोबस्ती कर ठेकेदारों को मनमाने तरीके से पैसा वसूली की जिम्मेवारी दी है. व्यवसायियों का कहना है कि मनमाना वसूली का विरोध करने पर सैरात ठेकेदार के कर्मियों ने उनलोगों के साथ दुर्व्यवहार किया. विरोध प्रदर्शन से पहले जनता उच्च विद्यालय परिसर में व्यवसायियों की बैठक हुई थी. बैठक की अध्यक्षता व्यवसायी संघ के अध्यक्ष पंकज कुमार लाल ने की. संचालन सत्यम सोनी ने किया. बैठक में लिए गये निर्णय के बाद व्यवसायी विरोध प्रदर्शन करते हुए थाना पहुंचे. थाना प्रभारी सौरभ चौबे ने व्यवसायियों को यह कह कर वापस भेज दिया कि यह मामला नगर परिषद का है और वहीं से इसका निदान होगा. अवकाश के कारण नगर परिषद कार्यालय बंद था. सभी व्यवसायी बस स्टैंड शेड में विराेध प्रदर्शन किया. धरनास्थल पर थाना प्रभारी सौरभ चौबे, बीस सूत्री अध्यक्ष रामचंद्र दीक्षित, प्रेमशंकर दुबे, ऋतुराज मिश्रा, राजन पांडेय, राजेश्वर केशरी, मनीष कुमार, गोरखनाथ पांडेय सहित कई गणमान्य लोग पहुंचे. पदाधिकारियों ने वार्ता की. आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ. मौके संजय बैठा, गोपाल सोनी, अमित चौधरी, देव कुमार ठाकुर, नंदकुमार ठाकुर, हर्ष वर्धन सोनी, राजू केशरी, अवधेश सोनी, धर्मेंद्र कुमार, सुनील कुमार चौधरी, अरुण गुप्ता, कृष्ण केसरी शामिल थे.
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