मेदिनीनगर. बरसात में होने वाले जल जनित बीमारियों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग सक्रिय होकर काम कर रही है. फाइलेरिया से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने 14 दिवसीय एमडीए, आइडीए अभियान चलाने का निर्णय लिया है. पलामू में यह अभियान 10 अगस्त से शुरू होगा. अभियान की सफलता को लेकर स्वास्थ्य विभाग आवश्यक तैयारी कर रही है. इसी कड़ी में बुधवार को सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में प्रशिक्षण का आयोजन हुआ. जिले के छह प्रखंड के सीएचओ को फाइलेरिया से बचाव के लिए प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान उन्हें फाइलेरिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी. महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ अनूप कुमार सिंह ने कहा कि फाइलेरिया एक ऐसा मच्छर जनित रोग, जो शरीर में बाल्यावस्था में प्रवेश करता है. लेकिन इसका लक्षण वर्षों तक नहीं दिखता. जब उसका लक्षण सामने आता है, तो पीड़ित व्यक्ति आजीवन दवा सेवन करने के लिए मजबूर हो जाता है. पलामू जिला स्वास्थ्य विभाग ने इस रोग से बचाव के लिए कारगर कदम उठा रही है. जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ सिंह ने बताया कि फाइलेरिया मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है, जो अधिकतर गंदे और ठहरे हुए पानी में पनपता है. यह रोग खासकर तब प्रवेश करता है, जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. समय पर इलाज नहीं होने पर रोगी के हाथ-पैर में असमान्य रूप से सूजन हो जाता है. उन्होंने बताया कि अभियान के पहले दिन जिले के सभी सरकारी अस्पतालों और निर्धारित बूथों पर एलबेंडाजोल, डीइसी और आइवरमेक्टिन की दवा दी जायेगी. स्वास्थ्य सहिया घर-घर जाकर लोगों स्वंय दवा खिलायेंगी. पिरामल फाउंडेशन के अनिल कुमार गुप्ता, सृजनी चक्रवर्ती, राजनरायण झा ने इस अभियान की सफलता के लिए आवश्यक तकनीकी जानकारी साझा किया. बताया कि फाइलेरिया रोधी दवा की सही मात्रा व्यक्ति के उम्र पर निर्भर करता है.मौके पर स्नेहा कुमारी, प्रीति कुमारी, अरुणा केरकेट्टा, सुप्रिया कुमारी, समिता एक्का, प्रीति केरकेट्टा, पूजा कुमारी सहित कई सीएचओ मौजूद थे.
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