मेदिनीनगर. नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय में पीएचडी एंट्रेंस के रिजल्ट का प्रकाशन कर दिया गया है. यह परीक्षा 2023 में ली गयी थी. इस मामले को लेकर छात्र नेता राहुल कुमार दुबे ने पीएचडी रिजल्ट में धांधली का आरोप लगाया है. इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय को मेल के माध्यम से पत्र भेजा था. राहुल दुबे ने बताया कि पीएमओ कार्यालय में उनका शिकायत स्वीकार कर लिया गया है. इनकी शिकायत को उच्च शिक्षा के अधिकारी रीना सोनोवाल कोली को भेजा गया है. छात्र नेता ने शिकायत किया है कि नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय में 2023 में पीएचडी प्रवेश परीक्षा ली गयी थी. इस परीक्षा में संगठित धांधली, यूजीसी गाइडलाइन की अनदेखी, विश्वविद्यालय कर्मियों के परिवारों को लाभ पहुंचाने की साजिश रची गयी है. इसकी जांच सीबीआइ से कराने की मांग की है. शिकायत में लिखा है कि पीएचडी प्रवेश परीक्षा में एक अभ्यर्थी को नकल करते रंगे हाथ पकड़ा गया था. जिसकी मदद प्रोफेसर सुल्ताना परवीन ने की थी. परीक्षा के दौरान प्रोफेसर स्वयं उत्तर ले जाकर अभ्यर्थी को मुहैया करा रही थी. परीक्षा में सीसीटीवी निगरानी नहीं था. मोबाइल से परीक्षा की पारदर्शिता को खत्म कर दिया. आरोप लगाया है कि जिन अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया है. उनमें अधिकांश विश्वविद्यालय के स्थायी कर्मचारी के पत्नी, बच्चे व सगे संबंधी है. विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में जारी रजिस्ट्रेशन सूचना में भी केवल उन्हीं लोगों को आगे बढ़ाने की अनुमति दी गयी है. जो इससे संबंधित है. उन्होंने आरोप लगाया है कि यूजीसी की गाइडलाइन 2024 -25 की अनदेखी की गयी है. कहा कि यूजीसी ने यह स्पष्ट रूप से कहा है कि सत्र 2025 के बाद पीएचडी में प्रवेश केवल नेट के माध्यम ही होगा. इस गाइडलाइन की आड़ में एनपीयू प्रशासन ने यह तर्क दिया है कि अब दोबारा परीक्षा नहीं ली जा सकती है. छात्र नेता का आरोप है कि पूर्व में हुए फर्जीवाड़े को वैधता देने का प्रयास है. मांग किया कि जो भी व्यक्ति दोषी है. उसके विरुद्ध विधिक और प्रशासनिक करायी जाये. इस परीक्षा को रद्द कर निष्पक्ष, पारदर्शी व सीटीवीएस निगरानी में परीक्षा करायी जाये.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है