सतबरवा. भारत माला परियोजना के तहत रांची से विंढमगंज तक फोरलेन सड़क का निर्माण तेजी से जारी है, लेकिन इस कार्य ने सतबरवा प्रखंड के खामडीह और रजडेरवा गांव के ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. गर्मी में उड़ती धूल और बरसात में कीचड़ ने लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल कर दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि रजडेरवा से खामडीह तक करीब एक किलोमीटर क्षेत्र की सड़क की हालत अत्यंत खराब है. बारिश में जहां सड़क कीचड़ में तब्दील हो जाती है, वहीं धूप में वाहनों की आवाजाही से धूल का गुबार उड़ता है. घर सड़क किनारे होने से बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को खासतौर से परेशानी हो रही है. बीमारी, गंदगी और भोजन तक प्रभावित हो रहा है. रजडेरवा स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय की प्रधानाध्यापिका अमला खुसार ने बताया कि 42 नामांकित छात्रों को आने-जाने में भारी दिक्कत होती है. वहीं विद्यालय की रसोइया शोभा देवी ने बताया कि धूल के कारण खाना बनाना तक दूभर हो गया है. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि रांची-मेदिनीनगर मुख्य मार्ग पर 24 घंटे भारी वाहनों का आवागमन होता है. सर्विस रोड पर भी कीचड़ होने से दोनों ओर से जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. उन्होंने कंपनी और प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. इस विषय पर कंपनी के वरीय अधिकारी आदित्य ने बताया कि बारिश के कारण सर्विस रोड कीचड़मय हो गयी थी, जिसे साफ कराया जा रहा है. धूल नियंत्रण के लिए नियमित पानी का छिड़काव भी कराया जा रहा है. हम कोशिश कर रहे हैं कि लोगों को कम से कम परेशानी हो.
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