प्रतिनिधि, मेदिनीनगर पलामू डीसी समीरा एस शनिवार को पांकी पहुंची. इस क्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया. अस्पताल की अव्यवस्था देखकर भड़क गयी. डीसी ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा महेंद्र प्रसाद को फटकार लगायी. उन्होंने चिकित्सकों व कर्मियों का बायोमेट्रिक अंटेडेंन्स, दवा भंडारण, कोल्ड चेन का मेन्टेन्स, प्रसव गृह की स्थिति, जनऔषधि केंद्र, बाथरूम की साफ-सफाई का जायजा लिया.अस्पताल में गंदगी देखकर नाराजगी जतायी. कहा कि अस्पताल खुद बीमार रहेगा, तो गरीब मरीजों का इलाज कैसे होगा. प्रखंड का प्रमुख सरकारी अस्पताल की स्थिति नारकीय बनाकर रख दी गयी है. अव्यवस्था का आलम है. मरीजों के साथ आनेवाले सहयोगियों की बैठने की व्यवस्था भी सही नहीं है. डीसी ने डेंटल ओपीडी में डेंटल एक्सरे मशीन व आइ ओपीडी में रीफरैक्शन मशीन की खरीदने का निर्देश दिया. कहा कि जो पैसा उपलब्ध है, उस राशि से अस्पताल को व्यवस्थित करें.उन्होंने कहा कि अस्पताल में जगह-जगह अंधेरा है, लाइट की भी व्यवस्था नही है. पंखा की भी व्यवस्था नहीं है. मौजूद ग्रामीणों ने डीसी को बताया कि वर्षो से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का यही हाल है. मरीज को किसी तरह का इलाज मुहैया नही हो पाता है. जिसके कारण निजी अस्पताल फलफूल रहे हैं. डीसी ने कहा कि यह मेरा पहला विजिट है,जो सुझाव दिया गया है उसका अनुपालन करते हुए व्यवस्था को दुरुस्त करें. इसमें लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की जायेगी.
डीसी ने कस्तूरबा विद्यालय की छात्राओं से किया संवाद
पलामू डीसी समीरा एस ने पांकी के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय का निरीक्षण किया. इस दौरान छात्राएं डिजिटल क्लास कर रही थी.उन्होंने छात्राओं के पढ़ाई के स्तर की जांच की और उनसे सीधा संवाद किया.छात्राओं से आवासीय विद्यालय की व्यवस्था व मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली. डीसी ने छात्राओं के कमरे में लगे सिलिंग फैन को हटाकर वाल फैन लगाने का सुझाव दिया. डीसी ने छात्राओं के कमरे में कम रोशनी के बारे में वार्डेन से जानकारी ली. उन्होंने छात्राओं को दी जाने वाली अभ्यास पुस्तिका कीट के बारे में वार्डेन से पूछताछ किया. आवासीय विद्यालय के रसोई घर का निरीक्षण कर मीनू के अनुसार भोजन देने की बात कही.
डीसी ने पांकी जलापूर्ति केंद्र का लिया जायजा
जल जीवन मिशन के तहत 44 करोड़ की लागत से बने जलापूर्ति केंद्र की स्थिति की जायजा लिया. डीसी ने कहा कि इस केंद्र से जलापूर्ति नही होने की शिकायत कई ग्रामीणों ने की थी. उन्होंने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता से इस मामले में पूछताछ किया. ग्रामीणों ने बताया कि 48 गांव के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए इस महत्वाकांक्षी योजना का निर्माण किया गया था. लेकिन यह योजना पूरी तरह से फेल है. डीसी ने इस मामले को गंभीरता से लिया.एजेंसी ने बताया कि नियमित विद्युतापूर्ति नहीं होने के कारण जलापूर्ति बाधित होती है. इस मामले में डीसी ने बिजली विभाग से समन्वय स्थापित कर प्रतिदिन जलापूर्ति सुनिश्चित कराने का सख्त निर्देश दिया. उन्होंने विभाग के कार्यपालक अभियंता को साफ तौर पर कहा कि किसी भी स्थिति में जलापूर्ति बाधित नही होनी चाहिए. पांकी क्षेत्र में नियमित रूप से जलापूर्ति बहाल करें, जो कमियां है उसे दूर किया जाये.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है