फोटो: 08 डालपीएच 01 प्रतिनिधि: मेदिनीनगर पलामू के सांसद वीडी राम ने कहा कि झारखंड की महागठबंधन सरकार को दलितों के हितों की कोई चिंता नहीं है. राज्य सरकार के कथनी और करनी में काफी अंतर है. राज्य मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दलितों के उत्थान के लिए कोई प्रयास नहीं किया. यही वजह है कि अभी तक झारखंड में अनुसूचित जाति आयोग एवं अनुसूचित जात परामर्श दात्री परिषद का गठन नहीं हो पाया है. इस मामले में मुख्यमंत्री कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. अप्रैल 2021 से अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष का चुनाव नहीं हुआ, जबकि 17 वर्ष पूर्व गठित अनुसूचित जाति परामर्शदात्री परिषद की संचिका सरकार के पास पड़ी हुई है. सांसद श्री राम ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि भाजपा ही दलितों को हितैषी है. भाजपा शासित राज्यों में अनुसूचित जाति आयोग का गठन किया गया है. पीएम नरेंद मोदी के नेतृत्व में दलितों के कल्याण के लिए 11 वर्षों में कई महत्वपूर्ण कार्य किये गये. दलितों के सामाजिक आर्थिक व शैक्षणिक समावेशन को बढ़ावा देते हुये समाज की मुख्याधारा में लाने का प्रयास किया गया. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टैंडअप इंडिया योजन, अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना के माध्यम से दलितों के कल्याण के लिए कार्य किया गया. सांसद ने कहा कि झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए पलामू, गढ़वा में नागपुरी व कुड़ूख भाषा को चिन्हित किया गया है. यह पलामू गढ़वा के युवाओं के साथ राज्य सरकार ने नाइंसाफी किया है. सरकार के इस निर्णय से स्प्ष्ट है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पलामू गढ़वा के साथ उपेक्षापूर्ण व्यवहार कर रहे हैं. पलामू गढ़वा के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. भाजपा इसका विराेध करेगी. मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष अमित तिवारी, सांसद प्रतिनिधि विजय ओझा, शिवकुमार मिश्रा मौजूद थे.
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