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भीषण गर्मी, पेयजल संकट ऊपर से बिजली की आंखमिचौनी

पलामू जिले के लोग इन दिनों भीषण गर्मी, पेयजल व बिजली संकट से जूझ रहे हैं.

मेदिनीनगर. पलामू जिले के लोग इन दिनों भीषण गर्मी, पेयजल व बिजली संकट से जूझ रहे हैं. पलामू का तापमान 43 से 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. इधर बिजली संकट ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. बिजली की आंख मिचौनी से लोग काफी परेशान हैं. यह स्थिति जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एक समान है. भीषण गर्मी के दौरान बिजली की आंख मिचौनी से पलामू के लोग काफी परेशान हैं. खास कर वृद्ध, बच्चे और मरीज गर्मी से बेचैन हो जाते हैं. रात में जब बिजली के आने-जाने का खेल शुरू होता है, तो शहरी क्षेत्र के लोग बेचैन हो जाते हैं. गर्मी के कारण लोग घर के भीतर नहीं रह पाते और मकान की छत या सड़क पर खड़ा होकर बिजली आने का इंतजार करते हैं. इस प्रकार बिजली संकट का सीधा असर आम जनजीवन पर पड़ रहा है. कभी-कभी तो स्थिति ऐसी हो जाती है कि लोग बिजली के अभाव में टंकी पर पानी भी नहीं चढ़ा पाते. इतना ही नहीं बिजली के अभाव में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति का कार्य भी प्रभावित हो रहा. बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है. लेकिन इस संकट को दूर करने के लिए विभाग के द्वारा कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया. बल्कि विभाग के पदाधिकारी चैन की बांसुरी बजा रहे हैं. लोगों की माने तो विभाग के पदाधिकारी मोबाइल कॉल भी रिसीव नहीं करते और न ही कॉल बैक करते हैं. इतना ही नहीं विभाग के पदाधिकारी आम नागरिकों की बात सुनने की जहमत उठाना नहीं चाहते. यही कारण है कि वे अपना मोबाइल व्यस्त मोड पर डाल देते हैं, ताकि कॉल करनेवाले व्यक्ति को यह पता चले कि साहब व्यस्त हैं. जनता के काम से यही कारण सब स्टेशन पर तैनात कर्मियों का भी है. इधर, बिजली की आंख मिचौनी के मामले में विभाग के पदाधिकारी अपना-अलग राग अलाप रहे हैं. विभागीय पदाधिकारियों का कहना है कि गर्मी के दिनों में बिजली की खपत बढ़ गयी है. लेकिन हटिया ग्रिड से खपत के मुताबिक बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. अचानक लोड बढ़ने व बिजली की कम आपूर्ति के कारण यह परेशानी उत्पन्न हुआ है. विभाग के पदाधिकारी का कहना है कि लोड शेडिंग की वजह से बिजली वितरण व्यवस्था पर असर पड़ा है. गर्मी में बिजली की खपत बढ़ने और नेशनल ग्रिड से कम आपूर्ति के कारण यह स्थिति बनी है. बिजली की कटौती क्यों हो रही है. इसकी स्पष्ट जानकारी अभी तक किसी के पास नहीं है. विभाग पलामू जिले को मेदिनीनगर और छतरपुर दो हिस्से में बांट कर बिजली की आपूर्ति करती है. फिलहाल दोनों क्षेत्रों में बिजली संकट गहरा गया है और आम आदमी परेशान हैं.

विभाग के पदाधिकारियों की मनमानी भी गंभीर समस्या

बीस सूत्री क्रियान्वयन समिति के पलामू जिला उपाध्यक्ष विमला कुमारी ने कहा कि भीषण गर्मी व बिजली संकट के साथ-साथ बिजली विभाग के पदाधिकारी की मनमानी भी गंभीर समस्या बन गयी है. भीषण गर्मी और बिजली संकट से आम आदमी त्राहिमाम कर रहा है और विभाग के पदाधिकारी उदासीन हैं. विभाग के पदाधिकारी की मनमानी भी बिजली संकट की तरह चरम पर पहुंच गयी है. उन्होंने कहा कि बिजली संकट से जूझ रहे लोग विभाग के पदाधिकारी के पास फोन करते हैं, तो उसे रिसीव या कॉल बैक नहीं करते. विभाग के पदाधिकारी इस रवैया से उनकी मंशा साफ झलक रही है कि वे जनता के प्रति जवाबदेह नहीं हैं. शहर के निमिया के विजय सिंह, बैंक कॉलोनी की राधिका देवी, अघोर आश्रम रोड सुदना की ज्योति सिंह, पटेल नगर के बबलू तिवारी सहित अन्य लोगों ने बिजली विभाग की लचर व्यवस्था पर सवाल उठाया. कहा कि बिजली संकट के लिए विभाग के पदाधिकारी जिम्मेवार हैं. क्योंकि वे जनता की परेशानी न तो सुनते हैं और न ही उसका समाधान करते हैं. शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश जगहों पर बिजली का तार जर्जर है, जिसे बदला नहीं गया. गर्मी आते ही जर्जर तार टूटने लगते हैं और परेशानी बढ़ा देते हैं. उनका कहना है कि समय रहते विभाग बिजली संकट से निपटने की कोशिश नहीं करता. बिजली की आंख मिचौनी भी विभाग के पदाधिकारियों व कर्मचारियों के दिमाग की उपज है.

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