मेदिनीनगर. बालिका गृह मामले में पूर्व बाल संरक्षण पदाधिकारी केडी पासवान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उन पर गंभीर धाराओं के तहत प्राथमिक की दर्ज की गयी थी. उनके खिलाफ पोक्सो एक्ट भी लगा है. पुलिस ने सदर अस्पताल में मेडिकल चेकअप कराने के बाद जेल भेज दिया. यौन शोषण के आरोप में इसके पूर्व बालिका गृह के संचालक 72 वर्षीय रामप्रताप गुप्ता व 26 वर्षीय महिला काउंसलर प्रियंका कुमारी को पुलिस ने पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इसके आलावा पूर्व सीडब्ल्यूसी सदस्य धीरेंद्र किशोर को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. मालूम हो कि बालिका गृह में रहने वाले बच्चियों के फर्द बयान के आधार पर मेदिनीनगर महिला थाना में पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था. नवंबर में मानवाधिकार संगठन की एक टीम अध्यक्ष संध्या सिन्हा के नेतृत्व में बालिका गृह की व्यवस्था को देखने गयी थी. जहां बच्चियों ने यौन शोषण करने की जानकारी दी थी. भुक्तभोगियों के मुताबिक आरोपी राम प्रताप गुप्ता का घर बालिका गृह के पास ही बैंक कॉलोनी में है. आरोप लगाने वाले बच्ची ने बताया कि दीपावली से छठ के बीच दो बार राम प्रताप उसे अपने घर ले गये थे. बालिका गृह में बच्चियों के साथ यौन शोषण का मामला सामने आते ही जिला प्रशासन मामले की गंभीरता को देखते हुये जांचोपरांत बालिका गृह को सील कर सभी लड़कियों को जेलहाता स्थित सखी वन स्टॉप सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया था. तीन सदस्यीय जांच कमेटी के आधार पर आइसीपीएस के जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश कुमार, संरक्षण पदाधिकारी संस्थागत देखरेख कामदेव पासवान व काउंसलर सरस्वती देवी को डीसी शशिरंजन ने बर्खास्त कर दिया था. पिछले तीन वर्षों से एनजीओ विकास इंटरनेशनल को बालिका गृह का देखरेख की जिम्मेवारी में दी गयी थी, इस दौरान कई बच्चियों के साथ यौन शोषण का मामला सामने आने पर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.
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