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सभी रोगों के इलाज में कारगर है होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति: डा कारक

होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति के जनक डा सैमुअल हैनीमैन की जयंती विश्व होमियोपैथी दिवस के रूप में मनायी गयी.

मेदिनीनगर. होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति के जनक डा सैमुअल हैनीमैन की जयंती विश्व होमियोपैथी दिवस के रूप में मनाया गया. जिला आयुष समिति ने गुरुवार को आयुष संयुक्त औषधालय के प्रशाल में कार्यक्रम आयोजित किया. इस अवसर पर डॉ हैनीमेन की तस्वीर पर फूल माला अर्पित किया गया. जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आरएन कारक व डीपीएम डॉ एमके मेहता ने दीप प्रज्वलित करने के बाद केक काट कर जयंती मनायी. विचार गोष्ठी में आयुष चिकित्सकों ने डॉ हैनीमैन के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला. कहा कि जर्मन चिकित्सक डा हैनीमैन का जन्म 10 अप्रैल 1755 को हुआ था. उन्होंने 24 वर्ष की उम्र में ही एलोपैथ चिकित्सा में एमडी की उपाधि हासिल कर ली थी. वे सात भाषाओं के ज्ञाता और उसके अच्छे अनुवादक थे. एलोपैथ की दवाओं के साइड इफेक्ट और जटिल व पुरानी बीमारियों को पूर्णतः ठीक नहीं होना, उनके सोचने की दिशा को बदल दिया. क्यूलेंस मैटेरिया मेडिका के अध्ययन के क्रम में उन्होंने सिनकोन के बारे में विशेष चिंतन किया. उनके गहन अध्ययन व रिसर्च के बाद होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति का उदय हुआ. गोष्ठी में जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आरएन कारक ने होमियोपैथ चिकित्सा पद्धति को बेहतर बताया. कहा कि चिकित्सा के लिए संचालित पद्धतियों में होमियोपैथ किसी से कम नहीं है. इस पद्धति के जरिये सभी तरह के रोगों का इलाज संभव है. होमियोपैथ सभी तरह के रोगों के इलाज में कारगर है. सबसे अच्छी बात यह है कि इसकी दवा कम खर्च में सर्व सुलभ है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता. उन्होंने कहा कि डा हैनीमैन का प्रयास रंग लाया और आज इस चिकित्सा पद्धति का लाभ विश्व के जनमानस को सहज तरीके से मिल रहा है. डीपीएम डा एमके मेहता ने बताया कि होमियोपैथ की दवाओं में सूक्ष्म शक्ति है, जिसके प्रभाव से असाध्य रोगों का भी इलाज संभव हो सका. इस वर्ष का थीम अध्ययन, अध्यापन एवं अनुसंधान है. सभी आयुष चिकित्सकों को इस थीम पर फोकस करते हुए काम करना है. सामूहिक प्रयास से ही होमियोपैथ चिकित्सा पद्धति का लाभ आमलोगों को मिलेगा. आयुष सीएचओ को चाहिए कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इस चिकित्सा पद्धति के बारे में विस्तृत जानकारी दें. लोगों में विश्वास जागृत करने के लिए सार्थक प्रयास करें. सभी आयुष सीएचओ मरीजों का इलाज करने के साथ ही होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति पर रिसर्च भी करें. गोष्ठी में डा अजय कुमार, डा शमशाद आलम सहित अन्य आयुष चिकित्सकों ने होमियोपैथ के जनक डॉ हैनीमैन की खोज की सराहना की. इस चिकित्सा पद्धति को घर-घर तक पहुंचाने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत बताया. मौके पर डॉ राकेश रौशन, डॉ नरसिंह, डॉ प्रतिमा, डा नवीन कुमार, डा प्रियंका सोनी, डा नसीम अंसारी, डा रविरंजन प्रजापति, डा स्नेहलता, डा पूजा कुमारी, डा नीतू कुमारी, डा तरन्नुम सहित कई आयुष चिकित्सक एवं कर्मी मौजूद थे.

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