पाटन. मेधा दुग्ध के जिला समन्वयक अजीत सिंह ने पाटन प्रखंड के लोइंगा गांव स्थित दुग्ध शीतक केंद्र का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने दुग्ध विक्रेताओं की समस्याओं को जानने का प्रयास किया. इस दौरान पंचायत भवन में मुखिया रंजित कुमार उर्फ गुड्डू यादव मौजूद थे. इस क्रम में दुग्ध विक्रेताओं द्वारा केंद्र के संचालक अमरेश यादव पर कई आरोप लगाये गये. बताया गया कि संचालक द्वारा अपने ही घर में तीन कोड बनाया गया है. जबकि एक घर से एक ही कोड होना चाहिए. कोड नंबर 327 है. जिसके माध्यम से जनवरी व फरवरी दो महीने में 70 हजार 53 रुपये लिया गया है. दूसरा कोड संख्या 75 संचालक की पत्नी ललिता कुमारी का है. इसके माध्यम से दो महीने का 48 हजार 251 रुपये लिया गया है. जबकि ललिता कुमारी आंगनबाड़ी सेविका पद पर कार्यरत हैं. तीसरा कोड संचालक के पिता गुमान यादव के नाम से है. इसके माध्यम से दो महीने में 16 हजार 727 रुपये की निकासी की गयी है. जबकि कई पशुपालकों को दूध बिक्री करने के लिए अन्यत्र भटकना पड़ रहा है. वहीं दूध विक्रेताओं ने कम कीमत पर दूध खरीदने का भी आरोप लगाया है. विक्रेताओं ने बताया कि भैंस का दूध 60 से 65 रुपये तक खरीदी जाती है. लेकिन लोइंगा के संचालक द्वारा 40 से 38 रुपये प्रति लीटर लिया जाता है.लोगों ने कहा एक संचालन समिति बनाया जाना था. लेकिन संचालक द्वारा कागज पर ही खानापूर्ति कर ली गयी है. मेदिनीनगर लक्ष्मी देवी को प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था. उसे ही ग्रामीणों के बिना जानकारी के अध्यक्ष बना दिया गया. जबकि लक्ष्मी देवी आंगनबाड़ी में सहायिका पद पर कार्यरत है. जिसमें दूध सुपरवाइजर आनंद कुमार उपाध्याय व संचालक अमरेश यादव दोनों की मिलभगत है. इधर इस संबंध में जिला समन्वयक ने कहा कि यहां के दुग्ध विक्रेताओं द्वारा आरोप लगाया गया है. उसकी जांच की जा रही है. इसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है. संचालक अमरेश यादव ने दुग्ध विक्रेताओं द्वारा लगाये गये सभी आरोपों को निराधार व विलेज पॉलिटिक्स बताया. मौके पर विनोद शर्मा, रमेश यादव, संजय यादव, सूर्यदेव यादव, सीताराम यादव, मंटू साव, देवकी यादव, मुन्नी यादव, बुटू यादव, विश्वनाथ यादव समेत अन्य कई दूध विक्रेता मौजूद थे.
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