एक ही जगह तीन टनल एक साथ होना पलामू के लिये गौरव की बात झारखंड राज्य का रेल मार्ग से प्रवेश व निकास द्वार है मोहम्मदगंज का तीनो टनल फोटो 17 डालपीएच- 7 कुंदन चौरसिया, मोहम्मदगंज तीसरी रेल पटरी से गुजरी रेल टनल का प्रवेश व निकास द्वार के पत्थरों पर उकेरी गयी आकर्षक पेंटिंग, राज्य की धरोहर व विरासत का चित्र आकर्षण का केंद्र बना है. पर्यटक स्थल भीम चूल्हा से कुछ ही दूर पर ऊंचे पहाड़ को काटकर बनाया गया टनल रेल विभाग को सुपुर्द कर दिया गया है. इस टनल से परिचालन की हरी झंडी बुधवार को मिलने के बाद झारखंड व पलामू जिला के लिये एक उपलब्धि बन गयी है. इस टनल के निर्माण से पूर्व दो और टनल का निर्माण किया गया है. तीनों टनल से एक साथ निकल रही ट्रेनें को देखना एक अलग अनुभूति होती है. खासकर इसके पास के ऊंची पहाड़ियों से टनल से निकल रही ट्रेन की कतार देखते बनती है. जो सैलानियों को आकर्षित करती है. अन्य दो टनल से तीसरा टनल का निर्माण आधुनिक व सुरक्षित तरीके से किया गया है. इसे देखने आना जोखिम भरा है. यहा घूमना खतरे से खाली नही. फिर भी सैलानी सचेत होकर कुछ देर रुकते है. आकर्षक नजारा देखकर ही वापस होते है. चतरा के राजेश ने उकेरी है झारखंड के धरोहर टनल 188 मीटर लंबा है. इसके सटे बने दोनों टनल से कुछ अलग तरीके से इसका निर्माण किया गया. इसके अंदर सुरक्षा का ख्याल रखा गया है.टनल में एक तरफ फुटपाथ बना है. प्रवेश करने के दौरान अचानक पहुंची ट्रेन से इसके अंदर बना फुटपाथ टनल के अंदर पहुंचे लोगों को सुरक्षा प्रदान करती है. प्रवेश द्वार के दीवारों पर बिरसा मुंडा, बाघ ,हाथी व जंगलों व ट्रेन के चित्र उकेरी गयी है, जो झारखंड के विरासत का संकेत देती है. इसकी पेंटिंग चतरा जिला के राजेश कुमार जायसवाल उर्फ पेंटर ने काफी मेहनत से की है. बताया की पेंटिंग पूरा करने में करीब बीस दिन लगे है.टनल के दोनों छोर पर बनी आकर्षक पेंटिंग है. उसने बताया कि टनल का प्रवेश व निकास द्वार पर पेंटिंग करना सार्थक प्रयास रहा.
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