मेदिनीनगर. शनिवार को चियांकी स्थित एमकेडीएवी पब्लिक स्कूल में जयंती समारोह का आयोजन हुआ. डीएवी पब्लिक स्कूल के प्रथम प्रधानाचार्य महात्मा हंसराज जी की 161वीं जयंती मनायी गयी. सुबह में प्रार्थना सभा के दौरान उनके जीवन से जुड़े कई पहलुओं पर चर्चा की गयी. प्राचार्य डॉ जीएन खान व शिक्षकों ने महात्मा हंसराज जी की तस्वीर पर पुष्पांजलि कर श्रद्धांजलि दी. प्राचार्य डॉ खान ने महात्मा हंसराज के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला. कहा कि उन्होंने आर्य समाज एवं दयानंद सरस्वती के आदर्शों को आगे बढ़ाया. 25 वर्षों तक अवैतनिक प्राचार्य के रूप में डीएवी स्कूल में अपनी सेवा दी. आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती जी के मृत्यु के बाद उनके अनुयायियों ने स्मृति के रूप में 1886 में लाहौर में प्रथम डीएवी स्कूल की स्थापना की. महात्मा हंसराज ने वहां 25 वर्षों तक अपनी सेवा दी. उनके योगदान और सकारात्मक प्रयास का ही यह प्रतिफल है कि डीएवी के 970 विद्यालय संचालित है. जिसमें डीएवी पब्लिक स्कूल, इंजीनियरिंग कॉलेज एवं विश्वविद्यालय, लॉ कालेज, बीएड कॉलेज, फार्मेसी कालेज, आयुर्वेदिक कॉलेज, आयुर्वेदिक शोध केंद्र शामिल है. इन शिक्षण संस्थानों से शिक्षा ग्रहण कर विद्यार्थियों ने अपना भविष्य संवारा और राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दे रहे हैं. प्राचार्य डा खान ने हंसराज जी के जीवन एवं महान कार्यों की चर्चा की. कहा कि वे निस्वार्थभाव से इस संस्थान की सेवा की है. उनके त्याग और मेहनत का ही यह प्रतिफल है कि संस्थान अपने उद्देश्यों की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है. कार्यक्रम का संचालन विद्या वैभव भारद्वाज ने किया. मौके पर विद्यालय के शिक्षक आलोक कुमार, मीनाक्षी करण, नीरज श्रीवास्तव, एके पांडेय, कन्हैया राय, प्रियंका मौजूद थे.
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