प्रतिनिधि, मेदिनीनगर
नगर निगम क्षेत्र के सुदना सुरभि नगर के लोग काफी परेशान है. पिछले कई वर्षों से सड़क पर जल जमाव उनकी परेशानी का सबब बना हुआ है. पिछले दिनों हुई मूसलाधार बारिश ने इस मुहल्ले के लोगों की परेशानी और बढ़ा दी. एक दर्जन से अधिक लोगों के घरों में पानी प्रवेश कर गया. इससे आलोक माथुर, अमित सहाय, रामलखन दुबे, रमेश दुबे, ज्ञानेंद्र नारायण, अरुण तिवारी, नीलकंठ पांडेय, अजय कुमार सहित कई लोगों के घरों में पानी प्रवेश कर गया था. काफी मशक्कत के बाद कुछ लोगों ने अपने घर से पानी निकलने का उपाय किया. फिलहाल स्थिति यह है कि आधा दर्जन से अधिक लोगों के घरों के पास पानी जमा है.लोगों ने जल निकासी की समुचित व्यवस्था करने की मांग पलामू डीसी समीरा एस से की है. लोगों का कहना है कि सड़क पर सालोंभर पानी जमा रहता है.करीब तीन साल से यह स्थिति बनी हुई है.
निगम प्रशासन ने जल निकासी की व्यवस्था करने की बजाए लाखों रुपये की लागत से सड़क पर सोखता का निर्माण कराया था. कुछ दिनों तक नाला का पानी सोखता में गया. लेकिन जब वह भर गया, तो उसकी सफाई नहीं करायी गयी और पुन: नाला का गंदा पानी जमा होने लगा. लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी होने लगी. बरसात के दिनों में यह रास्ता पूर्णत: बंद हो जाता है. गरमी व जाड़े के दिन में लोग बोरा में बालू भरकर सड़क किनारे लगा देते है और उसी के माध्यम से किसी तरह आवागमन करते है.खासकर महिलाओं व बच्चों को काफी परेशानी होती है.शिकायत मिलने के बाद निगम की टीम ने स्थिति का जायजा लिया. लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका.
तीन वर्षों से बनी है जल जमाव की स्थिति
स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्ष 2015-16 में पीसीसी सड़क व अंडरग्राउंड नाला का निर्माण हुआ था. उस समय यह इलाका सदर प्रखंड के सुदना पूर्वी पंचायत की परिधि में आता था.जमीन की भौगोलिक स्थिति का सही तरीके से आकलन किये बिना ही नाला व सड़क का निर्माण कराया गया. सुरभि नगर मुहल्ले में बाइपास रोड व गायत्री मंदिर रोड सुदना के तालाब होते हुए रास्ता गयी है.जिस जगह पर पानी जमा रहता है, वहां दोनों तरफ के रास्ते दो से तीन फीट ऊंची है. विनोद अग्रवाल व रमेश दुबे का कहना है कि जिस समय सड़क व नाला निर्माण का काम चल रहा था. उस समय एक तरफ खाली जमीन थी. इसलिए लोगों ने विशेष ध्यान नही दिया. नाला का पानी खाली जमीन से होकर निकल जाता था.यह स्थिति वर्ष 2021 तक रही. 2017 में सुदना पूूर्वी पंचायत को नगर निगम में शामिल किया गया. 2021 में खाली जमीन पर चहारदीवारी का निर्माण हो गया. इसके बाद पानी निकासी का रास्ता बंद हो गया और सड़क पर नाला का गंदा पानी जमा होने लगा. जब बारिश हुयी तो स्थिति और भयावह हो गयी. इस समस्या से निजात दिलाने के लिए निगम प्रशासन से गुहार लगायी गयी. निगम ने लाखों रुपये खर्च कर सड़क पर सोखता का निर्माण कराया गया.फिर भी यह कामयाब नहीं हुआ. लोगों की परेशानी बरकरार है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है