फोटो 10 डालपीएच- 7 प्रतिनिधि, चैनपुर गुरुवार को चैनपुर प्रखंड कार्यालय के समक्ष त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों ने सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया. इस कार्यक्रम का नेतृत्व ज़िला परिषद सदस्य प्रमोद कुमार सिंह ने किया. उन्होंने कहा कि सरकार की नीति पंचायतों को मजबूत करने के बजाय उन्हें अधिकार विहीन रखने की है, जिससे मुखिया एवं अन्य प्रतिनिधि ग्रामीण विकास के कार्यों को पूरा करने में असमर्थ हैं. ऐसे में प्रतिनिधि अपने आप को बेबस महसूस कर रहे हैं. मुखिया पंचायत और ग्रामीणों का छोटा -छोटा विकास कार्य भी नहीं कर पा रहे हैं. राज्य सरकार केंद्र के फंड का बहानेबाजी कर रही है. उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों की यह लड़ाई आगे भी जारी रहेगी. जिप सदस्य फैजाएल अहमद ने कहा कि झारखंड को छोड़कर देश के सभी राज्यों में पंचायत को पूरा अधिकार दिया गया है.पंचायत को पूरा अधिकार के बिना राज्य का सम्पूर्ण विकास संभव नहीं है. कार्यक्रम में जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, मुखिया और वार्ड सदस्यों नें हाथ में तख्तियां लेकर इंकलाब जिंदाबाद, पंचायत को अधिकार देना होगा जैसे नारे लगाये गये. मौके पर उपप्रमुख सुनील कुमार सिंह, मुखिया संघ के प्रखंड अध्यक्ष अरविंद तिवारी, मीना देवी, आलेहसन अंसारी,पपलू दुबे,दीनानाथ मांझी, बसंत राम, लालबहादुर भुइयां,निर्मला देवी, पार्वती देवी, निशा प्रवीण, नितिश कुमार सिंह,सुनिता देवी, बबीता देवी, मुस्तफा अंसारी, पंसस लालजी चौधरी, सकीना बीबी, मुन्ना पाल, अमरजीत कुमार सहित कई लोग मौजूद थे. प्रमुख मांगें केंद्र सरकार से 15वें वित्त आयोग की बकाया राशि का शीघ्र भुगतान, झारखंड राज्य वित्त आयोग की अनुशंसित राशि व अन्य सिफारिशों को लागू करना, पंचायती राज व्यवस्था के अंतर्गत प्रत्यायोजित 14 विभागों को क्रियाशील करना और शेष विभागों की शक्तियाँ भी सौंपना, जिला योजना समिति की नियमित बैठकें आयोजित करना, पूर्ववर्ती सरकार के अनावद्ध निधि संबंधी निर्णयों को निरस्त करना, केरल मॉडल पर पंचायत प्रतिनिधियों को मानदेय देना, वार्ड सदस्यों को प्रत्येक सरकारी योजना का लाभ देना. त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को स्वास्थ्य एवं दुर्घटना बीमा की सुविधा देना.
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