मेदिनीनगर. मंगलवार को डीआरडीए सभागार में उप विकास आयुक्त शब्बीर अहमद की अध्यक्षता में 15वें वित्त आयोग अंतर्गत संचालित योजनाओं से संबंधित समीक्षात्मक बैठक की गयी. इस दौरान उन्होंने सभी योजनाओं का संधारण निर्धारित पंजी में दर्ज करने और योजनाओं से जुड़े फोटोग्राफ रखने की बात कही. उन्होंने कहा कि पिछली बैठक में सभी प्रखंड समन्वयकों को समय-समय पर योजनाओं पर खर्च हुई राशि का प्रतिवेदन पंचायती राज के डीपीएम को देने के लिए निर्देशित किया गया था, सभी प्रखंड समन्वयक इसे सुनिश्चित करें. उन्होंने सभी को रॉयल्टी की राशि को भी समय पर जमा कराने की बात कही. ऐसा नहीं करने पर इसे वित्तीय अनियमितता के श्रेणी में रखा जायेगा. समीक्षा के दौरान पाया गया कि वित्त आयोग की राशि का मदवार ही व्यय करने के निर्देश के बावजूद अलग मद में राशि व्यय किया गया है, यह गंभीर विषय है, इससे बचने की आवश्यकता है. बैठक में जिन पंचायतों में पंचायत समिति की राशि खर्च नहीं हुई है, उन सभी ब्लॉक कोऑर्डिनेटर से राशि खर्च नहीं करने के कारणों के बारे में पूछा गया. इस दौरान तरहसी प्रमुख का शक्ति जब्त रहने पर उपप्रमुख को राशि खर्च करने की जिम्मेदारी दी गयी. सभी ब्लॉक कोऑर्डिनेटरों को वर्ष में कम से कम 8-12 बैठक करने के लिए निर्देशित किया गया. मौके पर जिला परिषद उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, डीआरडीए निदेशक, डीपीएम, प्रखंड प्रमुख, सभी प्रखंड कोऑर्डिनेटर मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है