मोहम्मदगंज. प्रखंड सह अंचल कार्यालय को नियमित व सुचारू रूप से संचालित करने के लिए भवन के सभी कार्यालय को सोलर तकनीकी के पावर से जोड़ा गया है. साथ ही इसके पावर से पेयजलापूर्ति के लिए पानी टंकी भी छत पर लगायी गयी है. पिछले करीब छह वर्षों से सोलर पावर से भवन के सभी कार्यालय में लगे कंप्यूटर सिस्टम संचालित नहीं हैं. बिजली रहने पर ही कार्यालय का कंप्यूटर सिस्टम चलता है. सोलर बैटरी का पावर पूरी तरह डेड हो चुका है. सोलर पावर संचालित नहीं होने से पानी टंकी खाली पड़ी रहती है. प्रखंड सह अंचल कार्यालय में पेयजलापूर्ति की किल्लत है. कर्मी व कार्यालय पहुंचने वाले ग्रामीण इस भीषण गर्मी में पानी के लिए भवन से बाहर प्यास बुझाने जाते हैं. कई प्रखंड कर्मी अपने साथ घर से बोतल में पानी लाते हैं. मनरेगा कार्यालय के कर्मियों ने बताया की कंप्यूटर चलाने के लिए कार्यावधि में बिजली पर निर्भर हैं. बिजली आपूर्ति बाधित रहने से उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. भवन में स्थित अन्य कार्यालय के कर्मियों की भी यही परेशानी है. सोलर पैनल योजना से बिजली की आपूर्ति के लिए लाखों रुपये का भुगतान किया गया है. इस तकनीक से ठप आपूर्ति की मरम्मत के लिए प्रखंड के पूर्व बीडीओ ने कई बार सूचित किया था. इसके बाद भी छत पर लगी सोलर बैटरी व पानी टंकी फिर से चालू नहीं किया गया है. संबंधित विभाग को राशि का भुगतान भी कर दिया गया. प्रतिदिन जिला मुख्यालय को प्रगति रिपोर्ट भेजने में प्रखंड व अंचल कार्यालय के सभी विभाग के कर्मियों को आपूर्ति बाधित होने से काफी परेशानी है. छत पर इस तकनीक से संचालित होने वाले वायरलेस टावर का संचार प्रणाली भी ठप बतायी जाती है.
आरओ टंकी से लोगों की प्यास नहीं बुझती
प्रखंड सह अंचल कार्यालय के लिए इसके परिसर में आरओ का शुद्ध पेयजल लोगों को उपलब्ध कराने की योजना भी ठप पड़ी गयी है. एजेंसी को भी पूरा भुगतान किया गया है. लोगों को आरओ का पानी नहीं मिल पा रहा है. पेयजल की किल्लत के साथ कई सुविधाएं नदारद हैं. जिसमें भवन के दोनों तल्ले में बना सामूहिक शौचालय भी शामिल है. शौचालय की स्थिति बदतर व दुर्गंधयुक्त है, जबकि सफाई के लिए दो कर्मियों को भुगतान भी प्रखंड कार्यालय से किया जाता है.
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