पाटन. प्रखंड के बुका गांव के लोग आज भी बिजली से वंचित हैं. आजादी के 77 वर्षों के बाद भी बुका गांव बिजली से रोशन नही हो पाया है. यहां के लोगों को आज भी ढिबरी युग में रहने के लिए विवश हैं. बुका गांव प्रखंड मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर उत्तर-पूरब की दिशा में पहाड़ पर स्थित है. यह अनुसूचित जनजाति बाहुल्य गांव है. जिसकी आबादी करीब 450 है. बिजली विभाग द्वारा दो वर्ष पूर्व गांव में पोल खड़ा किया गया है. लेकिन अभी तक न तो ट्रांसफॉर्मर लगा और न ही पोल पर तार ही खींचा गया. ग्रामीणों ने बताया कि बिजली तार लाने में विभाग को क्या परेशानी हो रही है, यह समझ से परे है. क्योंकि जिस तरफ से बिजली का पोल लगाया जाना है, वह वन विभाग की भूमि पड़ती है. जिसके कारण गांवों का विद्युतीकरण नहीं होने से लोगों को परेशानी हो रही है. बिजली नहीं रहने से मोबाइल चार्ज के लिए भी सोचना पड़ता है. कुछ लोग अपने घर में छोटा सोलर प्लेट रखे हैं. जिससे मोबाइल चार्ज करते हैं. गांव के बच्चे जलमीनार के लिए लगे सोलर प्लेट से अपना मोबाइल चार्ज करते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सिर्फ मोबाइल चार्ज की ही समस्या नहीं है, बल्कि बिजली से आधारित कई कार्य प्रभावित हैं. बिजली नहीं होने से सबसे ज्यादा किसानों को खेती कार्य करने में परेशानी हो रही है. बिजली उपलब्ध होती, तो किसानों को खेती करने में काफी सुविधा होती.
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